इतने राजनीतिक दल बनते हैं कि जनता उनका नाम भी नहीं जानती... प्रशांत किशोर के सियासी पार्टी बनाने पर तेजस्वी का सबसे बड़ा तंज

इतने राजनीतिक दल बनते हैं कि जनता उनका नाम भी नहीं जानती...

पटना. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब सियासत के मैदान में उतर रहे हैं. इसे लेकर राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को बड़ा तंज कसा. उन्होंने news4nation से विशेष साक्षात्कार में कहा कि प्रशांत किशोर के राजनीतिक दल बनाने पर तेजस्वी ने उनका स्वागत किया. ऐसे कई राजनीतिक दल बनते रहते हैं. बिहार में इतने पंजीकृत राजनीतिक दल हैं जिनकी संख्या भी लोगों के स्मरण में नहीं रहती है. ऐसे में पीके के राजनीति में उतरने से कोई चिंता नहीं होनी चाहिए. उनके दल बनाने से कोई दिक्कत नहीं है. 

दरअसल, तेजस्वी यादव इसी महीने बिहार यात्रा पर निकलने वाले हैं. उन्होंने अपनी यात्रा के पूर्व कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों को जनता की समस्या को समझकर उनके मुद्दों को उठाना चाहिए. जनता से जुड़े मुद्दों को जानने के लिए राजनेताओं को जनता के बीच जाना होता है. इसलिए राजनेताओं को यात्रा करना बेहद जरूरी है. उन्होंने यात्रा के उद्देश्यों पर बोलते हुए कहा कि जनता की बातों को मजबूती के साथ सरकार के समक्ष हम लोग उठाते हैं. यह तब होता है जब जनता की परेशानियां से आप  परिचित होंगे. इसलिए उन्होंने बिहार यात्रा का कार्यक्रम बनाया है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सावन महीने की समाप्ति के बाद यात्रा की तारीख और रूट तय किए जाएंगे. 

आरक्षण विरोधी मंसूबा उजागर : उन्होंने कहा कि जब बिहार की सत्ता में राजद थी तो उप मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने जाति आधारित गणना कराई. बिहार के एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को बढ़ाते 65 फीसदी तक किया गया. इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने के लिए केंद्र से मांग की गई. लेकिन भाजपा का मंसूबा शुरू से आरक्षण विरोधी रहा है इसलिए इसे नहीं माना गया. उन्होंने कहा कि अब कोर्ट में भी बिहार सरकार अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख रही है क्योकि बिहार की नीतीश सरकार भाजपा के भरोसे चल रही है. इसी वजह से राजद ने 65 फीसदी आरक्षण मामले में कोर्ट में पार्टी बनने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि जब तक एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण के 65 फीसदी के हक को संविधान की 9वीं अनुसूची शामिल नहीं करा लिया जाता राजद इस मामले में शांत नहीं रहेगी. 

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मोदी-नीतीश ने किया निराश : केंद्र सरकार पर बिहार की हकमारी का आरोप लगाते हुए तेजस्वी ने कहा कि बजट सत्र में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला हो या विशेष पैकेज का, राज्य को पूरी तरह से दरकिनार किया गया. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार कई जगहों पर विशेष पैकेज देने की बात कही थी लेकिन कुछ नहीं दिया. केंद्र हो या बिहार की सरकार दोनों ने बिहार को निराश किया है. उन्होंने कहा कि सरकार में उप मुख्यमंत्री के रहते जो 3 लाख नौकरियों का मामला प्रक्रियाधीन था उस पर भी बिहार सरकार ने कुछ नहीं किया. इतना ही नहीं पेपरलीक का मुद्दा हो या कानून व्यवस्था का मामला सरकार पूरी तरह से फेल है.

रंजन की रिपोर्ट

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