बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

संसद के विशेष सत्र पर सियासत तेज, सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा, विशेष सत्र का एजेंडा सार्वजनिक करने की मांग

संसद के विशेष सत्र पर सियासत तेज, सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा, विशेष सत्र का एजेंडा सार्वजनिक करने की मांग

दिल्ली- इंडिया या भारत नाम पर छिड़े घमासान के बीच कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खत लिखा है.कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग समेत नौ मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए.उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, "मैं इस बात का उल्लेख करना चाहूंगी कि संसद का विशेष सत्र राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किए बिना बुला लिया गया. इस सत्र के एजेंडे के बारे में हमें जानकारी नहीं है’’.

वहीं कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है जिसमें लिखा है कि बिना बातचीत के बैठक बुलाई गई है, कोई सलाह नहीं ली गई  और एजेंडा कार्यसूची की जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि पार्टी संसद की विशेष सत्र का बहिष्कार करने की बजाय शामिल होने के लिए तैयार है. रमेश ने कहा, 'हमने संसद के विशेष सत्र का बहिष्कार नहीं करने का निर्णय लिया है. यह हमारे लिए एक मौका है, कि हम जनता की परेशानियों को सभी के सामने रखें. हर पार्टी अलग-अलग मुद्दे को सामने रखने की कोशिश करेगी.





संसद के विशेष सत्र को लेकर सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने इस खत में लिखा है कि पहली बार संसद सत्र का एजेंडा विपक्ष को बताया नहीं किया गया. इससे पूर्व विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) ने मंगलवार को कहा कि वह 18 सितंबर से बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में देश से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग करना चाहती है, लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि बैठक का विशेष एजेंडा क्या है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया के घटक दलों के दोनों सदनों के नेताओं की बैठक हुई जिसमें सत्र से जुड़ी रणनीति पर चर्चा की गई.

संसद के 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे विशेष सत्र को लेकर लोकसभा और राज्यसभा ने अधिसूचना जारी की थी. पांच दिन का यह सत्र 22 सितंबर तक चलेगा. लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ने यह जानकारी दी है.लोकसभा सचिवालय ने बताया था कि 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा. राज्यसभा सचिवालय ने अपने बुलेटिन में कहा, ‘‘सदस्यों को सूचित किया जाता है कि राज्यसभा का 261वां सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा.

मोदी सरकार के अब तक के नौ वर्षों के कार्यकाल में पहली बार ऐसा संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. इससे पहले हालांकि जीएसटी के लागू होने के अवसर पर जून 2017 की मध्यरात्रि को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक बुलाई गई थी. सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नए संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था. आम तौर पर संसद के तीन सत्र होते हैं. इसमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं. विशेष परिस्थितियों में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का प्रवधान है. संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को संपन्न हुआ था.

Suggested News