PATNA: बिहार सरकार के गन्ना उद्योग एवं विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने भाजपा के सहयोग कार्यक्रम में मंगलवार को शिरकत की। यहां उन्होंने जनता की समस्याओं को सुना और उनके उचित निपटारे हेतु अधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने महागठबंधन में राजद और कांग्रेस को लेकर जारी कलह पर अपने विचार साझा किए।
विधानसभा उपचुनाव में जीत निश्चित
30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर मंत्री प्रमोद कुमार पूरी तरह से निश्चिंत दिखे। उन्होनें कहा कि जनता ने साल 2020 में ही निर्णय दे दिया था। दोनों सीटें जदयू की थी और आगे भी उन्हीं की रहेगी। इसमें किसी तरह का संशय या सवाल होना ही नहीं चाहिए।
नीति आयोग की रिपोर्ट पर जवाब देने से बचे
बिहार सरकार के गन्ना उद्योग एवं विधि मंत्री ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर कुछ भी रहने से इनकार कर दिया। उनसे सवाल किया गया कि मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाया है। इसको लेकर मंत्री ने कहा कि नीति आयोग रिपोर्ट पर टिप्पणी करना हमारे लिए उचित नहीं, वह उनकी व्यक्तिगत सोच है। मुख्यमंत्री की निगाह में नीति आयोग के रिपोर्ट पर संशय हो सकता है। मैं इसपर कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि मैंने रिपोर्ट नहीं पढ़ी है। मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट पढ़ी होगी इसलिए वह बयान दे रहे हैं। बिना नीति आयोग के रिपोर्ट पढ़े हुए मैं इस विषय पर कोई टीका टिप्पणी नहीं करूंगा। जिन लोगों ने नीति आयोग का रिपोर्ट पढ़ा है वह बयान दे रहे हैं।
RJD पहले खुद को और अंतर्कलह को संभाले
उपचुनाव को लेकर राजद द्वारा सवाल उठाए जाने पर मंत्री भड़क गए और कहा कि आरजेडी में खुद ही अंतर्कलह चल रहा है। वहां के शीर्ष व्यक्ति को लेकर ही जिस तरह की बातें सामने आ रही है, ऐसे में तो किसी तरह की टिप्पणी करना ही बेकार है। पार्टी आपस में ही इतनी उलझी है कि एक-दूसरे से आगे निकल नहीं पा रही है। वहीं जगदानंद सिंह के सवाल पर की एनडीए के दोनों प्रत्याशी आपराधिक प्रवृत्ति के हैं, इसपर मंत्री बोले कि उन्हें अपनी पार्टी पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। उनके शीर्ष नेता क्यों पटना से बाहर है इतने सालों से वह रांची में क्या कर रहे हैं।
कांग्रेस और राजद, दोनों पार्टी के विस्तारीकरण में लगी
कन्हैया और पप्पू यादव सरीखे नेताओं के कांग्रेस से जुड़ने को लेकर मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और राजद, दोनों को अपना-अपना अस्तित्व बचाना और बढ़ाना है। इसके लिए कांग्रेस नए-नए लोगों को शामिल कर रही है। कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और वह उसी नजरिए से काम कर रही है। राजद क्षेत्रीय पार्टी है और उसकी अपनी प्राथमिकताएं हैं। यदि दोनों अलग होते हैं तो एनडीए को सीधा फायदा होगा। उन्होनें आगे कहा कि चुनाव में जो पार्टी आजमाइश नहीं करती, उसका कोई जनतंत्र नहीं होता।
कांग्रेस को पॉकेट पार्टी बनाना चाह रही राजद
कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है। कोई क्षेत्रीय पार्टी रहकर उसे पॉकेट में लेकर घूम रही है, तो दिक्कत तो होगी ही। कांग्रेस की सोच व्यक्तिगत है। कांग्रेस अपने अस्तित्व को बचाने के लिए काम नहीं करेगी तो पार्टी से जनाधार खत्म हो जाएगा। कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है। राजद उसे अपने पॉकेट की पार्टी बनाने में लगी है। जीत हार अलग विषय है मगर नेता को मैदान उतरना बेहद जरूरी है। पप्पू यादव पर कहा कांग्रेस के सहारे चुनाव लड़ते हैं तो उसी के सहारे कहीं आगे बढ़ जाए।