इस साल जेल में ही रहेंगे मनीष सिसोदिया : सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार, 338 करोड़ के लेनदेन को बताया संदेहास्पद

NEW DELHI : पिछले आठ माह से शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनकी जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है। ऐसे में अब मनीष सिसोदिया की हाल फिलहाल जेल से बाहर आने की उम्मीदें खारिज हो गई है। मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई ने आठ महीने में इस केस की ट्रायल को पूरा करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने अपने आदेश में कहा, 'हमने कुछ पक्ष देखे हैं जो संदेहास्पद हैं। लेकिन 338 करोड़ रुपए ट्रांसफर की बात फिलहाल स्थापित होता दिख रहा है। इसलिए हमने जमानत याचिका खारिज कर दी है।'
सिसोदिया पर आरोप है कि 2021 में आबकारी मंत्री रहते हुए उन्होंने शराब नीति में कुछ ऐसे बदलाव किए जिससे शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया। मामले में बता दें कि ईडी का दावा है कि लाभार्थी कंपनियों ने 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी और सिसोदिया ने प्रॉफिट मार्जिन को 5 पर्सेंट से 12 पर्सेंट करके अपराध में सहायता की। 338 करोड़ रुपए के ट्रांसफर वाली बात ईडी की शिकायत का हिस्सा है।
तीन महीने तक उम्मीद नहीं
इससे पहले विशेष अदालत और हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सिसोदिया ने सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा ही मिली। जुलाई में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले विशेष अदालत और हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सिसोदिया ने सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा ही मिली। जुलाई में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।