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लोजपा पर सुशील मोदी का बड़ा हमला, कहा- भ्रम फैलाने वालों की नहीं गलेगी दाल, लोजपा से हमारा कोई गठबंधन नहीं

लोजपा पर सुशील मोदी का बड़ा हमला, कहा- भ्रम फैलाने वालों की नहीं गलेगी दाल, लोजपा से हमारा कोई गठबंधन नहीं

PATNA :  चुनावी घमासान के बीच सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे को घेरने में लगे हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए का दामन छोड़कर अलग चुनाव लड़ रहे लोजपा को अन्य दलों की यही सोच है कि वो अब भी अंदरूनी तौर पर साथ हैं। राजनीतिक दलों की ओर से लगातार लगाए जा रहे इस कयास पर विराम लगाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने विरोधियों को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी दल या राजनीतिक नेता यह भ्रम न पालें और न फैलाएं कि लोजपा से हमारा कोई गठबंधन है। सुशील मोदी ने कहा कि चुनाव के समय लोजपा ने हमारा साथ छोड़ा है, इसलिए लोजपा से कोई गठबंधन नहीं है। चुनाव में हम सिर्फ विरोधी हैं।

कोई जरूरी नहीं कि केंद्र और राज्य में साथ रहें

विधानसभा चुनाव में लोजपा के साथ नहीं रहने पर लगातार राजनीतिक दलों में यह चर्चा आम है कि लोजपा के प्रति भाजपा का रवैया नरम है, लेकिन अब इस चर्चा पर विराम लगाते हुए भाजपा नेता सुशील मोदी ने अन्य राज्यों के चुनावों का हवाला दिया है। उन्होंने बताया कि कोई जरूरी नहीं है कि दो राजनीतिक पार्टियां केंद्र और राज्य के चुनावों में साथ-साथ हों। हाल ही में झारखंड में चुनाव हुआ तो जनता दल यू और लोजपा आमने-सामने थी। अकाली दल भी हमारे साथ है, लेकिन गुजरात में चुनाव हम अलग लड़ते हैं। 


90 प्रतिशत भ्रम हो चूका है खत्म

अलग होने के बाद भी राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि लोजपा एनडीए का ही साथ देगी। सुशील मोदी ने लोजपा को गठबंधन का हिस्सा नहीं बताकर सभी भ्रम फैलाने वाले राजनीतिक पार्टियों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे नेता सिर्फ नीतीश कुमार हैं और हमारे गठबंधन में लोजपा के लिए कोई जगह नहीं है। बहरहाल, सुशील मोदी ने साथ में यह भी कहा कि प्रदेश में लोजपा के साथ आने को लेकर 90 प्रतिशत से अधिक भ्रम खत्म हो चुका है।

नीतीश पर चिराग के बदले तेवर से एनडीए ने लोजपा से किया था किनारा

चुनाव नजदीक आते ही भाजपा और जेडीयू की ओर से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मान लिया गया था। इसके बाद से ही चिराग पासवान आए दिन नीतीश कुमार की योजनाओं और अन्य नीतियों पर पर हमलावर हो गए थे। इतना ही नहीं चुनाव की तारीख आने के बाद लगातार लोजपा का एनडीए में आए दिन उठापटक की स्थिति बनती जा रही थी, लेकिन राहें तब अलग हुईं जब चुनाव में सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं हुई। इसके बाद एनडीए ने पूरी तरह से लोजपा को बाहर का रास्ता दिखा दिया।


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