बिहार प्रशासनिक सेवा के निलंबित अधिकारी 'अजय कुमार ठाकुर' को मिला दंड, सरकार ने जारी किया आदेश

PATNA: बिहार प्रशासनिक सेवा के निलंबित अधिकारी को सरकार ने दंड दिया है. 1996-97 के राजस्व संबंधी मामले में गड़बड़ी को लेकर अब जाकर सरकार ने गैरजिम्मेदार अफसर को दंड दिया है. आरोपी अधिकारी को आरोप वर्ष 1996-97 के लिए निंदन की सजा और 3 वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोक का दंड निर्धारित किया गया है. वर्तमान में बिहार प्रशासनिक अधिकारी अजय कुमार ठाकुर निलंबित है. पटना डीटीओ कार्यालय में हुए भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के आरोप में सरकार ने उन्हें निलंबित कर रखा है. उनके खिलाफ निगरानी ने भी आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज कर छापेमारी कर चुकी है. 

जानें क्या है मामला 

 झारखंड के बहरागोड़ा के तत्कालीन अंचल अधिकारी अजय कुमार ठाकुर ने राजस्व संबंधी नियम का उल्लंघन कर बिना जांचे ही सरकारी तालाब का निजी व्यक्ति के नाम पर कर दिया था. इस आरोप को लेकर झारखंड के बहरागौडा थाने में 16 मई 1998 को केस दर्ज किया गया था. इस कांड में इनके खिलाफ 2005 में आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है. इस गंभीर आरोप के खिलाफ 2014 में अजय कुमार ठाकुर से स्पष्टीकरण की मांग की गई थी. जवाब से संतुष्ट ना होकर सरकार ने इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित की. विभागीय जांच आयुक्त को संचालन पदाधिकारी बनाया गया था. विभागीय कार्यवाही में सभी आरोप प्रमाणित हो गए .इसके बाद आरोप वर्ष में 1996-97 में निंदन की सजा एवं तीन वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोक का दंड निर्धारित किया गया है. बता दें, बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अजय कुमार ठाकुर वर्तमान में निलंबित हैं. इनका मुख्यालय पटना आयुक्त कार्यालय है.