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नियोजित शिक्षकों के जनवरी माह का वेतन भुगतान नहीं करने वाले दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करे नीतीश सरकार-संघ

नियोजित शिक्षकों के जनवरी माह का वेतन भुगतान नहीं करने वाले दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करे नीतीश सरकार-संघ

Patna : नियोजित शिक्षकों के जनवरी माह का वेतन भुगतान नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों पर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने कार्रवाई की मांग की है। 

संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने  कहा है कि शिक्षा विभाग ने 15 अप्रैल को औरंगाबाद जिले के लिए नगर पंचायत शीर्ष अंतर्गत तीन करोड़ सताइस लाख नवासी हजार पांच सौ तेईस रुपये आवंटित किया। 

वहीं सरकार के उपसचिव अरशद फिरोज ने राशि की निकासी एवं भुगतान के लिए आदेश दिया और अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग ने कई बार नियोजित शिक्षकों के जनवरी माह के वेतन भुगतान का निर्देश दिया। 

अपर मुख्य सचिव के निर्देश पत्र में यह साफ लिखा हुआ है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, (स्थापना) अतिरिक्त राशि की मांग भी एक सप्ताह के अंदर कर सकते हैं। बावजूद इसके ताज्जुब यह है कि औरंगाबाद जिले में नगर पंचायत के अतिरिक्त सबों का वेतन भुगतान जनवरी माह का कर दिया गया और जानबूझकर 4 महीनों से नगर पंचायत शिक्षकों का वेतन  भुगतान नहीं किया गया

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि वेतन भुगतान नहीं होने के कारण कन्या माध्यमिक विद्यालय, दाउदनगर के शिक्षक पेत्रूस तिर्की की मृत्यु पैसे के अभाव में भूख से हो गयी। यह बात सही है कि वे पूर्व से ही अस्वस्थ थे। उनकी दवाई समाप्त हो चुकी थी। पैसे के अभाव में दवाई खरीदने में भी असमर्थ थे। 

उन्होंने कहा है कि पिछले एक सप्ताह से अन्न के अभाव में उनका हिमोग्लोबीन 2.0 पर पहुंच गया था। उनके साथ उनकी बच्ची भी रहती थी वह भी बिना अन्न के कई दिनों से जिंदगी और मौत के लिए संघर्ष कर रही थी। दाउदनगर के शिक्षक जब दिवंगत तिर्की के घर पहुंचे तो उनके रसोई घर का बर्तन खाली कई दिनों से खाली पड़े हुए थे और उनका चूल्हा भी उदास था। 

उन्होंने कहा है कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ का आरोप है कि आवंटन के बावजूद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना, औरंगाबाद केवल वेतन पर आश्रित तिर्की साहब के भूख से मौत के लिए जिम्मेवार है। ये मानवाधिकार के उल्लंघन के अपराधी हैं। 

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने इनके विरूद्ध मानवाधिकार आयोग में अपने स्तर से जांच करने के लिए लिखित शिकायत की है। वहीं संघ मुख्यमंत्री से भी भूख से मौत की जांच और दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध तुरत कार्रवाई करने, दिवंगत शिक्षक परिवार का भरण-पोषण की व्यवस्था सुनिश्चित करने की कार्रवाई सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किये जाने की मांग करता है। 

वहीं उन्होंने कहा है कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर निष्ठावान शिक्षकों से अपील है कि वे शिक्षा विभाग के अवैधानिक आदेशों का पालन नहीं करेंगे। सरकार के द्वारा शिक्षकों के विरूद्ध की गयी सभी सरकार की दमनात्मक कार्रवाई बिना हटाये उतावलेपन और घबराहट में योगदान करने से अपने शहीद शिक्षक साथियों की आत्मा पर आघात पहुंचा और ऐसे शिक्षकों पर एकताबद्ध आंदोलन को कमजोर करने का भी कलंक लगेगा। 

यह सही है कि वैश्विक कोरोना संकट के कारण सरकार ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता नहीं कर दमन का रास्ता अख्तियार किया है यहां तक कि नियोजन नियमावली उपबंध का भी उल्लंघन कर शिक्षकों के सेवा से हटाने का फरमान जारी किया है। यह शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों को आतंकित करने का घिनौना प्रयास है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के एक-एक संघर्षशील शिक्षक अपनी एकता से निर्भिकतापूर्वक इस आतंक का जवाब देंगे।

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के निष्ठावान शिक्षक बिना लिखित समझौता के किसी भी कीमत पर योगदान नहीं करेंगे। कतिपय ऐसे तत्व जो शिक्षक की एकता में सेंधमारी कर रहे हैं उनकी साजिश को दृढ़तापूर्वक बेनकाब करते हुए पहले से भी अधिक संघीय निष्ठा और एकता का परिचय देंगे तभी सरकार को मांगों पर विचार के लिए विवश होना पड़ेगा।

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