बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

बिहार को शर्मसार करती तस्वीरें उजागर होने के बाद एक्टिव हुए तेजस्वी, समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को दिया बड़ा निर्देश

बिहार को शर्मसार करती तस्वीरें उजागर होने के बाद एक्टिव हुए तेजस्वी, समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को दिया बड़ा निर्देश

पटना. रणजी ट्रॉफी मुकाबले में पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम की दुर्दशा उजागर होने के बाद बिहार सरकार एक्टिव हुई है. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को मोइन-उल-हक स्टेडियम के पुनर्विकास एवं नवनिर्माण संबंधित समीक्षा बैठक की। उन्होंने बैठक में अधिकारियों से स्टेडियम के विकास कार्यों की रिपोर्ट ली. साथ ही दो हफ़्तों में DPR कार्य पूर्ण कर अग्रिम कारवाई करने के निर्देश दिए हैं. मोइन-उल-हक स्टेडियम में बनने वाले वर्ल्ड क्लास इंटरनेशनल स्टेडियम में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, फाइव स्टार होटल, रेस्टोरेंट, बेहतर ड्रेनेज सिस्टम, पार्किंग व्यवस्था, पटना मेट्रो के साथ-साथ अन्य विश्वस्तरीय सुविधाओं की भी व्यवस्था होगी। इन तमाम कार्यों को त्वरित गति से करने और इसकी रुपरेखा तय करने के लिए तेजस्वी ने दो सप्ताह के भीतर डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया है. 

दरअसल, बदहाल व्यवस्था, बदइंतजामी और बद्दतर हालात से जूझते पटना के मोइनुल हक स्टेडियम की स्थिति को देखकर क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने अपनी गहरी नाराजगी जताई थी. मुम्बई और बिहार के बीच हुए रणजी ट्रॉफी मुकाबले में मैदान का वीडियो देखने के बाद पूर्व भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को जमकर फटकारा है. प्रसाद ने ट्वीट किया, “यह अस्वीकार्य है. रणजी ट्रॉफी भारत की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता है और अब समय आ गया है कि सभी हितधारक इसके महत्व को समझें. राज्य संघ द्वारा इसमें सुधार नहीं करने का कोई वाजिब कारण नजर नहीं आता.”

स्टेडियम का इतिहास : मोइनुल हक स्टेडियम में ही 1996 विश्व कप टूर्नामेंट का जिम्बाब्वे बनाम केन्या मैच खेला गया था. इसके अलावा यहां दो और अंतरराष्ट्रीय मैच खेले गए हैं. स्टेडियम का नाम पहले राजेंद्र नगर स्टेडियम था. 1970 में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव मोइन-उल-हक की मृत्यु के बाद इसका नाम बदल दिया गया. लेकिन वर्ष 2000 के बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में राजनीति बढ़ी तो स्टेडियम का सत्यानाश हो गया.

नहीं हुआ सीएम नीतीश की घोषणा का असर : वर्ष 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद स्टेडियम की सुध सुधारने की पहल हुई. स्टेडियम के पुनर्निर्माण की बात 2013 से चल रही है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जब राजगीर में विश्वस्तरीय स्टेडियम बनवाने की घोषणा की थी तो साथ में पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम के पुनर्निर्माण की भी बात कही थी. 2018 में राजगीर के क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी गई लेकिन वहां भी स्टेडियम अभी तक बन नहीं पाया है. वहीं पटना के उन्होंने मोइन-उल-हक स्टेडियम की जो तस्वीरें और वीडियो सामने आई हैं वह बिहार के लिए शर्मसार करने वाली रही. 

खेल विभाग गठित : मोइन-उल-हक स्टेडियम तमाम बदनामियों वाली तस्वीरों के बीच नीतीश सरकार ने इसी सप्ताह बिहार में खेल विभाग का गठन किया है. अब तक खेल विभाग कला, संस्कृति और खेल मंत्रालय के अंतर्गत था जिसे अब अलग कर दिया गया है. साथ ही 12 जनवरी से रणजी ट्रॉफी का एक और मुकाबला पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम में होगा. इसी बीच तेजस्वी यादव ने स्टेडियम के पुनर्विकास एवं नवनिर्माण संबंधित समीक्षा बैठक कर अहम निर्देश दे दिया है. 

Suggested News