PATNA : दीपावली के पूर्व गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब से तीस से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जिसके बाद एक बार फिर से राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इन मौतों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने दोनों जिलों में हुए मौतों को लेकर तेजस्वी बिहार सरकार के डीएनए पर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि इन चीख़ों का गड़बड़ DNA वाली NDA सरकार और तीन नंबरिया पार्टी के मुखिया पर कुछ फ़र्क नहीं पड़ता। जहरीली शराब से बिहार में दिवाली के दिन सरकार द्वारा 35 से अधिक लोग मारे गए।
हाँ! किसी की सनक से बिहार में कागजों पर शराबबंदी है अन्यथा खुली छूट है क्योंकि ब्लैक में मौज और लूट है।
इन चीख़ों का गड़बड़ DNA वाली NDA सरकार और तीन नंबरिया पार्टी के मुखिया पर कुछ फ़र्क नहीं पड़ता। जहरीली शराब से बिहार में दिवाली के दिन सरकार द्वारा 35 से अधिक लोग मारे गए।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 4, 2021
हाँ! किसी की सनक से बिहार में कागजों पर शराबबंदी है अन्यथा खुली छूट है क्योंकि ब्लैक में मौज और लूट है। pic.twitter.com/9Wz0WNuq81
तेजस्वी ने कहा कि मुज़फ़्फ़रपुर में 5 दिन पूर्व ज़हरीली शराब से 10 मरे। कल और आज गोपालगंज में 20 लोग मरे। बेतिया में आज 13 लोग मरे। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि अधिकांश शवों को पुलिस बिना पोस्ट्मॉर्टम जला रही है। इन मौतों के ज़िम्मेवार क्या शराबबंदी का बेसुरा ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश कुमार नहीं है?
बिहार में 20 हजार करोड़ का अवैध कारोबार
दिवाली पर दिल्ली पहुंचे तेजस्वी ने कहा कि उपचुनाव में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की शह पर उनके मंत्रियों और पुलिस प्रशासन ने स्वयं मतदाताओं के बीच शराब वितरण किया। ऐसे में किस बात की शराबबंदी? इन मौतों का ज़िम्मेवार कौन है? बिहार में 20 हज़ार करोड़ की अवैध शराब तस्करी और समांतर ब्लैक इकॉनमी के सरग़ना सामने आकर इसका जवाब दें।