Nawada: जिलेभर में पूस की सर्द रात के साथ कनकनी भी बढ़ गयी है. न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। फुटपाथ पर रात गुजारने वालों के जान पर बन आई है। बस पड़ावों और रेलवे स्टेशनों पर यात्री मुट्ठी भींचे रात गुजारने पर मजबूर हैं। बावजूद अबतक प्रशासनिक स्तर पर अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं की गई है। बढ़ती ठंड से पशु-पक्षियों की भी हालत खराब है। दुधारू पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है, जिससे पशुपालक परेशान हैं। सबसे दयनीय स्थिति झुग्गी झोपड़ी और फुटपाथ पर रात गुजारने वालों की है।
स्टेशन के आसपास बड़ी संख्या में आर्थिक रूप से लाचार भिखारी फुटपाथ पर रात गुजारते हैं। उनके पास न तो अपना कोई आशियाना है न ही तन पर भरपूर कपड़े। रामप्यारी देवी कहती है एक रात कट गया तो समझते है भगवान ने आज नई जिंदगी दी है। प्रतिदिन मरकर जीना ही नियति है। एक अदद घर भी नही जहां किसी प्रकार रात गुजार सकूं। रामप्यारी अकेली ऐसी महिला नहीं है जिन्हें इस प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं ठंड से बेहाल राखी कुमारी कहती है जब प्लास्टिक की टाट में रात में सर्द हवा चलती है तब लगता है अब जान गई कि तब जान गई। पूरा परिवार सूर्योदय होने का इंतजार करता रहता है। इस प्रकार की स्थिति स्टेशन रोड तक ही सीमित नहीं है। लाइनपार मिर्जापुर, खुरी नदी पुल के पास, रेलवे गुमटी के साथ ही नगर के फुटपाथ पर जिंदगी गुजारने वालों की भी यही स्थिति है। नागरिक अधिकार संघर्ष मोर्चा के संयोजक दिनेश कुमार अकेला ने जिला प्रशासन से नगर के प्रमुख स्थानों पर अविलंब अलाव जलाने की व्यवस्था करने की मांग की है। इसके साथ ही गरीबों के लिए आवास व कपड़े के साथ कंबल उपलब्ध कराने की मांग की है।