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दलितों के नाम पर झूठी राजनीति का दौर खत्म ! लालू हों या नीतीश सबने दलित नेतृत्व को किया कमजोर , HAM का इंडी एलायंस पर प्रहार

दलितों के नाम पर झूठी राजनीति का दौर खत्म ! लालू हों या नीतीश सबने दलित नेतृत्व को किया कमजोर , HAM का इंडी एलायंस पर प्रहार

PATNA: बिहार की राजनीतिक पारा इन दिनों हाई है। राज्य में बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर तीखावार कर रहे हैं। जब से राज्य में जातीय गणना के आंकड़े जारी हुए हैं। तब से राज्य में जातीय राजनीति तूल पकड़ी हुई है। बिहार में जातीय को लेकर राजनीति शुरू से ही चलती आ रही है। जो अब तक जारी है। वहीं जब चुनाव नजदीक आता है। तब राजनीतिक दल जाति की राजनीति शुरू कर देते हैं। इसी कड़ी में पूर्व मंत्री और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी ने एक बार फिर जाति की राजनीति को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है।   

संतोष मांझी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि, " अब दलित के नाम पर झूठी राजनीति का दौर ख़त्म हो गया है। ममता बनर्जी और केजरीवाल जी को अगर सही में दलित प्रेम है तो प्रधानमंत्री का उम्मीदवार दलित को न बनाकर खुद की जगह किसी दलित को मुख्यमंत्री बना दें दलित वर्ग उनको ही प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बना देगा."। 

उन्होंने आगे लिखा कि, " दलित इंडी अलायंस के झांसे में नहीं आनेवाला है। नरेन्द्र मोदी जी ने दलित वर्ग से एवं आदिवासी समाज की महिला को राष्ट्रपति बनाकर सन्देश दिया है। फिर मुख्यमंत्री भी बनाया.. कांग्रेस ने हमेशा दलित नेतृत्व का टांग खिंचा है। लालू जी हों या नीतीश जी सबने दलित नेतृत्व को केवल कमजोर किया है। इन सबों ने ही बाबू जगजीवन राम हों,कांशीराम हों, रामसुन्दर दास हों, रामविलास पासवान हों, मायावती हों जीतन राम मांझी हों सबको बारी बारी से बेइज्जत करने का काम किया.. हद तो यह बाबा साहब को भी नहीं बख्शा था कांग्रेस ने.. दलितों का केवल इस्तेमाल का दौर ख़त्म हो चुका है...

मालूम हो कि, लोकसभा चुनाव 2024 सर पर है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल जाति के नाम पर रोटी सेकने में लगे हुए हैं। बीते दिन इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक हुई थी। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम पीएम उम्मीदवार के लिए  सुझाया था। जिसके बाद से ही देश में जाति की राजनीति को लेकर सियासत तेज हो गई है।   

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