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पटना में भवन निर्माण के 'कार्यपालक अभियंता' ने करोड़ों का किया था वारा-न्यारा...डिमोट कर बनाया गया सहायक अभियंता, छुट्टी पर गए पाटलिपुत्र डिवीजन के E.E भी कम नहीं...किया है बड़ा खेल

पटना में भवन निर्माण के 'कार्यपालक अभियंता' ने करोड़ों का किया था वारा-न्यारा...डिमोट कर बनाया गया सहायक अभियंता, छुट्टी पर गए पाटलिपुत्र डिवीजन के E.E भी कम नहीं...किया है बड़ा खेल

PATNA: राजधानी पटना में भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ही नियमों को तार-तार कर रहे. हाल ही में पाटलिपुत्र भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुधीर रंजन पर रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे थे. मामला बढ़ा तो वे लंबी छुट्टी पर चले गए हैं. पाटलिपुत्र भवन प्रमंडल में पदस्थापित एक और कार्यपालक अभियंता के खिलाफ निगरानी ने डीए केस कर छापेमारी कर चुकी है. इस मामले में वे निलंबित चल रहे हैं. अब जरा पटना में ही दूसरे डिवीजन की बात कर लें. पटना भवन प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जगत पासवान ने भी भारी गड़बड़ी की थी. नियमों को तार-तार कर करोड़ों रू का वारा-न्यारा किया था. विभाग ने लंबी विभागीय कार्यवाही के बाद डिमोट कर सहायक अभियंता बना दिया है.

जगत पासवान ने किया था बड़ा खेल  

पटना भवन प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जगत पासवान ने भारी गड़बड़ी की थी.पदस्थापन अवधि 2015-16 में भवनों की मरम्मति कार्य के लिए स्वीकृत प्राथमिकता की अलाव 771 अन्य कार्य किए थे. जिसके फलस्वरूप 15 करोड़ 14 लाख 84 हजार रू का बोझ पड़ा था. इसके साथ ही 2016-17 में कराए जाने वाले कार्य के लिए आवंटित राशि 12 करोड़ 67 लाख रुपए में बिना प्राथमिकता निर्धारित किए ही 7 करोड़ 18 लाख का अनियमित भुगतान किया. इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित की गई.  इसके बाद 9 नवंबर 2022 को जगत पासवान तत्कालीन कार्यपालक अभियंता को निलंबन मुक्त करते हुए उन्हें तीन दंड दिया गया.

कार्यपालक अभियंता से डिमोट कर बनाये गए सहायक अभियंता 

पहला दंड यह कि कार्यपालक अभियंता जगत पासवान को डिमोट कर सहायक अभियंता के न्यूनतम कलमान वेतन पर सदा के लिए अवनति कर दिया गया. साथ ही इन्हें कोई वार्षिक वृद्धि नहीं देने का निर्णय हुआ . साथ ही इन्हें पूरे सेवा काल में अकार्य पदों पर पदस्थापित रहने का आदेश जारी हुआ. साथ ही निलंबन अवधि के लिए जीवन निर्वाह भत्ता के अलावे कुछ भी देय नहीं होने का निर्णय लिया गया. इस दंडादेश के खिलाफ इन्होंने आवेदन दिया. आवेदन की समीक्षा के बाद पाया गया कि पहले के आदेश में कुछ त्रुटि है. लिहाजा उसमें सुधार करते हुए भवन निर्माण विभाग ने 6 अक्टूबर को नया आदेश जारी किया है. जिसमें तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जगत पासवान को स्थाई रूप से सहायक अभियंता के पद पर अवनति का दंड निर्धारित किया गया है. 

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