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यूक्रेन के साथ युद्ध में हाजीपुर में बने जूते पहनकर उतर रही रूस की सेना, इस खासियत ने पुतिन को भी बनाया मुरीद

यूक्रेन के साथ युद्ध में हाजीपुर में बने जूते पहनकर उतर रही रूस की सेना, इस खासियत ने पुतिन को भी बनाया मुरीद

HAJIPUR : दुनिया की सबसे खतरनाक आर्मी में रूस की सेना की गिनती होती  है। पिछले ढाई सालसे भी ज्यादा समय से रसियन सेना यूक्रेन के साथ युद्ध कर रही है। लेकिन यह जानकर हैरानी होगी कि इस युद्ध में रसियन सेना जिस जूते को इस्तमेाल कर रही है। उसका निर्माण बिहार के हाजीपुर में किया जाता है। यहां संचालित कंपीटेंस एक्सपोर्टस में महिलाओं द्वारा इस विशेष जूते को तैयार किया जाता है।  बताया गया कि माइनस 40 डिग्री में भी यह जूता कारगर है।

2018 से संचालित है कंपनी

कंपीटेंस एक्सपोर्टस मूल रूप से कानपुर से जुड़ी है। 2018 में कंपनी के एमडी मो. दानिश ने बिहार के युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से हाजीपुर में अपनी फैक्ट्री लगाई थी। यहां कंपनी ऐसे जूते बना रही है जिसकी सप्लाई रशियन आर्मी को किया जाता है। कंपनी से अब-तक लाखों जोड़ी जूते निर्यात किए जा चुके हैं। कंपनी के जनरल मैनेजर शिव कुमार रॉय की माने तो अब तक रुस में 1.5 मिलियन जोड़ी जूतों की सप्लाई की जा चुकी है। जिसका मार्केट टर्न ओवर सौ करोड़ के करीब है। 

माइनस 40 डिग्री में कारगर

फैक्ट्री के प्रबंधक शिव कुमार रॉय के मुताबिक यहां बने जूते रूस की सेना के लिए बेहद कारगर है। रूस में तापमान माइनस 40 डिग्री तक होती है, और वहां यह जूता अपना काम बखूबी करता है। जूते के तलवे और सोल में अलग डिजाइन बनाया गया है। जूते हल्के और नॉन स्लीपरी होता है। जो कड़ी ठंडक के बीच भी अपना काम करता है।  फैक्ट्री के प्रबंधक शिव कुमार रॉय के मुताबिक कंपनी रूसी सेना की जरूरतों के हिसाब से ऐस जूते बनाती है, जो हल्के और फिसलन-रोधी होते हैं। 

70 फीसदी महिला वर्कर

इस फैक्ट्री के अंदर वैशाली, पटना समेत राज्य के विभिन्न जिले के लगभग 300 के करीब महिला पुरुष वर्कर काम करते हैं। इनमें 70 फीसदी सिर्फ महिला वर्कर है जो रूसी सैनिकों को पहनने वाले जूते बनाती है।

100 करोड़ रुपए का जूता एक साल में हुआ निर्यात

कंपनी के एमडी दानिश प्रसाद की महत्वाकांक्षा बिहार में एक विश्वस्तरीय कारखाना बनाना है। कंपनी ने पिछले साल 100 करोड़ के 15 लाख जोड़ी जूते निर्यात किए हैं। कंपनी की माने तो अगले साल इसे 50% बढ़ाने का लक्ष्य है। हाजीपुर की यह कंपनी रूस के अलावा इटली, फ्रांस, स्पेन और ब्रिटेन के बाजारों में लक्जरी, डिजाइनर और फैशन शू भी निर्यात करती है।

चिराग ने दिया हर सपोर्ट का भरोसा, बिहारियों के लिए गर्व की बात

बिहार में अपराध और हत्या के बीच हम सब के लिए एक सुखद खबर है मेरे संसदीय क्षेत्र में निर्मित जूते का इस्तेमाल रूस की सेना अपने ढाल के रूप में कर रही है। ये बिहार , बिहारी और समस्त देशवासियों के लिए गर्व का विषय है कि अब विदेशों में भी बिहार के हुनर की चर्चाएं होगी। मैं स्थानीय सांसद के तौर पर जल्द ही कारखाने का दौरा करूंगा। वहां के स्थानीय कर्मचारियों से मुलाकात कर उनकी मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने का हर संभव प्रयास करूंगा साथ ही आने वाले दिनों में इस उद्योग के विस्तारीकरण को लेकर जल्द ही रक्षामंत्री एवं देश के प्रधानमंत्री जी के समक्ष रखूंगा। बिहार में इस प्रकार के उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मैं हर संभव प्रयास करूंगा।

  

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