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पांचवे दिन भी जारी रही निफ्ट के कर्मियों की हड़ताल, कर्मियों और एमटीएस को की नियमित करने की मांग

पांचवे दिन भी जारी रही निफ्ट के कर्मियों की हड़ताल, कर्मियों और एमटीएस को की नियमित करने की मांग

PATNA : राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के अधीनस्थ एक वैधानिक संस्थान हैl जिसमें कुल 17 संस्थान कार्यरत है l निफ्ट पटना भी उन्हीं 17 संस्थानों में से एक केंद्र है l निफ्ट पटना संस्थान में लगभग 65 से 70 कर्मचारी हैं l हालांकि इनमें से 28 कर्मचारी पिछले 5 से 7 वर्षों से अनुबंध के आधार पर नियुक्त हैं l इनकी नियुक्ति निफ्ट पटना के निदेशक संजय श्रीवास्तव के द्वारा गठित चयन समिति के सदस्यों की अनुशंसा एवं निदेशक के अनुमोदन के आधार पर किया गया है l अब पांच से सात वर्षों तक लगातार कार्य करने के उपरांत इनके अनुबंध को अभी तक नियमित नहीं किया गया है, जिसके विरोध में सभी अनुबंध कर्मचारी अपने वाजिब हक के लिए एवं उनके पदों को नियमित करने के लिए दिनांक 18 अप्रैल 2022 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं,जो आगे भी जारी रहेगीl

हडताली कर्मियों ने कहा की आज हड़ताल का पांचवा दिन है लेकिन निफ्ट पटना के सक्षम अधिकारी द्वारा किसी प्रकार की सकारात्मक पहल नहीं की गई है l हालांकि इन 5 दिनों में निदेशक ने सभी कर्मचारियों के साथ कई बैठक कीl लेकिन उन्हें धमकी दी जा रही है कि वह तुरंत अपने हड़ताल को तोड़कर अपने काम पर वापस लौट जाएं अन्यथा उन्हें नौकरी से निष्कासित कर दिया जाएगा l पूर्व में निफ्ट के कई परिसरों में अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों को उनके पूर्व की कार्य के अनुशंसा के आधार पर नियमित भी किया गया है l 

कर्मियों ने कहा की सभी अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारी एवं वैसे एमटीएस जो जनवरी तक अनुबंध पर नियुक्त थे, उन्हें नियमित किया जाएl निफ्ट के भर्ती नियम (Recruitment Rule) में हाल में हुई संशोधन से सभी अनुबंध कर्मचारियों को आयु सीमा में छूट देकर जनरल कंपटीशन (General Competition) में लिखित परीक्षा में भाग लेने हेतु आदेश निकाला जा रहा है l इस प्रकार का Age relaxation केवल आडंबर है और सभी कर्मियों का भी यही मानना है कि पुराने कर्मियों के इतने वर्षों के मेहनत के बावजूद किसी प्रकार का मानवीय सोच नहीं रखा गया है l जब इनकी नियुक्ति चयन समिति की अनुशंसा एवं सक्षम अधिकारी की अनुमति से की गई है तो उनकी सेवा को नियमित क्यों नहीं किया जा रहा है l आज भी इनका भविष्य अंधकार में क्यों हैं?

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