नीतीश सरकार के दावे का सच ! नवादा में पुल ना होने के कारण नदी की धार में फंसी एंबुलेंस, खतरे में फंसी रही मां के साथ नवजात की जान
NAWADA: नवादा में बिहार सरकार की योजनाओं की पोल खुलने वाली खबर सामने आ रही है। वैसे तो सरकार अपनी कई योजनाओं और कामों की सरहाना करती है। लेकिन उनकी कितनी बातें सही होती है यह तो आए दिन राज्य में हो रहे घटनाओं से ही अनुमान लगाया जा सकता है। दरअसल, ताजा मामला नवादा का है। जहां पुल ना होने के कारण एक एंबुलेंस पानी में धस गया है। वहीं मामला गंभीर तो तब हुआ जब पत्ता लगा कि उस एंबुलेंस में जचा बच्चा हैं। जिसके बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। लोगों द्वारा एंबुलेंस को बाहर निकालने के लिए कड़ी मशक्कत की जा रही है।
बता दें कि पूरा मामला गोविंदपुर प्रखंड का है। जहां डेल्हआ गांव के निवासी अरविंद यादव की पत्नी ललिता देवी प्रसव के बाद अपने गांव लौट रही थी। इस दौरान उनके साथ उसकी सास भी थी। वहीं वो लोग जिस एंबुलेंस से आ रहे थे वह अचानक नदी में पानी की धार में फस गया है। बताया जाता है कि 102 एंबुलेंस का सेवा लेकर नदी की रास्ता से अपने घर की ओर जा रहे थे। उसी दौरान पानी तेज धार में आ गया और एंबुलेंस नदी में ही फंस गया है।
दरअसल, सरकारी नदी पर पुल निर्माण नहीं होने के कारण नदी पार करने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर नदी के इस रास्ता से उस रास्ते पर आने के लिए मजबूर है। लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से पुल की निर्माण कराने की मांग की। लेकिन किसी ने जनता की बात नहीं सुनी। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी है। वहीं आलम यह है कि 3 घंटा से लगातार नदी से एंबुलेंस निकालने की कोशिश की जा रही है। और बीच नदी के धार में एंबुलेंस फस गया है।
जानकारी अनुसार एंबुलेंस फंसने के बाद ट्रैक्टर मंगाया गया है। ट्रैक्टर से भी एंबुलेंस को निकालने की कोशिश की जा रही है लेकिन एंबुलेंस अब तक नहीं निकला है। बता दें कि गोविंदपुर से लोग उसे तरफ नदी के पर लगभग 1 किलोमीटर लंबी नदी को पार करते हैं। और नदी में पुल नहीं रहने के कारण इस तरह का आलम देखने को मिला है। स्थानीय विधायक से भी लोगों ने कई बार पुल निर्माण करवाने की मांग की लेकिन विधायक ने किसी की बात नहीं सुनी और आज आलम यह है कि तीन जान जोखिम में फंसी हुई है।