CHAPRA : झारखण्ड में राज्य सरकार ने कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम शुरू करने का एलान किया है। अब बिहार में भी इसकी मांग उठने लगी है। पुरानी पेंशन स्कीम को हर हाल में बहाल कराया जाएगा। इसके लिए सड़क से सदन तक की लड़ाई चल रही है। राजपत्रित कर्मचारी संगठन गुट के अध्यक्ष गोविंद कुमार श्रीवास्तव, सचिव सैयद मोहम्मद नजमी, मुख्य संरक्षक रामेश्वर प्रसाद यादव, उपाध्यक्ष रमेश यादव, लक्की ठाकुर, सुरेश सिंह, कमलेश्वर प्रसाद यादव आदि ने ताल ठोक कर कहा की यह कर्मचारियों की हक हुक़ूक़ की लड़ाई है, इसमें पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता है। संघ के साथ कदम से कदम मिलाकर लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाएंगे।
कई महीनों से चल रहा है आंदोलन
पुरानी पेंशन स्कीम बहाली की मांग को लेकर कई महीनों से आंदोलन चल रहा है। हाल में कर्मचारियों ने समाहरणालय के साथ-साथ जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालय में काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया है। राजपत्रित कर्मचारी महासंघ के गोप गुट के नेताओं ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी विरोधी स्कीम है l सरकार इस स्कीम को लागू कर बुढ़ापे का सहारा छीनना चाहती है l केन्द्र सरकार ने 2004 में सरकारी कर्मचारी का पेंशन बंद कर दिया। जिसमें राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर तानाशाही रवैया अपनाकर सरकारी कर्मियों का पेंशन बंद कर दिया। सेवानिवृत्ति के बाद इन कर्मियों का गुजर बसर करना कष्टकारी हो जाता है। इन कर्मियों के हित में पुरानी पेंशन योजना लागू करवाने को लेकर आन्दोलन का बिगुल फूंक दिया गया है। चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। पुरानी पेंशन हमारा हक है और इसे लेकर रहेंगे। सभी अपना जीवन सरकार को दे देते हैं पर बुढ़ापे में कष्टमय जीवन हो जाता है इसको लेकर पुराने पेशन योजना को लेकर रहेंगे।
यह है मुख्य मांगे
उनकी मांगों में ओल्ड पेंशन योजना लागू करने, संविदा आउट सोर्सिंग नियोजित कर्मचारी शिक्षकों की सेवा नियमित करने तथा राज्यकर्मी घोषित करने, समान काम के लिए समान वेतन लागू करने, केंद्र के अनुरूप बढ़े दर पर मकान किराया भत्ता भुगतान करने, एमएसीपी प्रोनत्ति देने, सभी रिक्त पदों को नियुक्ति/प्रोनत्ति से भरने आदि शामिल है।
क्या है नई-पुरानी पेंशन स्कीम
नेताओं के अनुसार पुरानी स्कीम के तहत रिटायरमेंट के समय वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। इसके लिए कर्मचारी के वेतन से पैसा नहीं कटता। सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान होता है। 3.20 लाख तक की रकम ग्रेच्युटी में मिलती है। कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिजनों को पेंशन मिलती है। जनरल प्रोविडेंट फंड यानी जीपीएफ का प्रावधान है। छह महीने बाद मिलने वाले डीए का प्रावधान है। जबकि नई पेंशन स्कीम में बेसिक सैलरी + डीए का10 प्रतिशत हिस्सा कटता है। ऐसे में नई पेंशन स्कीम हर हाल में कर्मचारी विरोधी है सरकार को इसे वापस लेना होगा। बिहार सरकार से उम्मीद है कि झारखंड की तरह इस पर अमल करेगी।
छपरा से संजय भारद्वाज की रिपोर्ट