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सुशासन में दाखिल-खारिज बंटाधार करने में लगे प्रदेश के ये 60 प्रखंड,अधिकारियों की सुस्ती ने भूमि सुधार की प्रक्रिया को किया बेहद लचर...

सुशासन में दाखिल-खारिज बंटाधार करने में लगे प्रदेश के ये 60 प्रखंड,अधिकारियों की सुस्ती ने भूमि सुधार की प्रक्रिया को किया बेहद लचर...

पटना.बिहार में जमीन का दाखिल-खारिज  जी का जंजाल बन गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग दाखिल खारिज करने के मामले में पूरी तरह फेल है.ये आंकड़े बता रहे हैं कि बिहार के 60 अंचल में दाखिल खारिज का काम बेहद सुस्ती से चल रहा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर से जारी रैकिंग के आंकड़ों में 60 अंचल का प्रदर्शन खराब पाया गया। दाखिल-खारिज और सुधार  की व्यवस्था 2018 से ऑनलाइन होने के बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं, जिनका निपटारा समय पर नहीं हो पाया है.दिसंबर 2023 में आठ मुख्य बिन्दुओं पर सभी अंचलों के कार्यों का मूल्यांकन करने के बाद  राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर से  रैंकिंग जारी की गई है दिसके अनुसार बिहार के 45 अंचल ऐसे हैं, जिसमें दाखिल- खारिज के निष्पादन की रेट 50 प्रतिशत या इससे कम है.

बिहार के सभी ब्लॉक में अब तक दाखिल- खारिज से जुड़े 1 करोड़ 20 लाख 37 हजार आवेदन आए हैं, जिनमें 67 लाख 26 हजार का ही निष्पादन हो पाया  है. 7 लाख 31 हजार मामले अभी भी लंबित हैं, जबकि 45 लाख 79 हजार अपिकेशन को रिजेक्ट कर दिए गए हैं ऐसा हीं कुछ मामला  जमीन से जुड़े सुधार का भी है. वहीं विभाग का कहना है कि समीक्षा के बाद सीओ पर कार्रवाई की जाएगी. 

 राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर पर समीक्षा की गई थी, जिसमें 130 ब्लॉक ऐसे सामने आए थे, जिन्होंने पहले बिना किसी ठोस कारण के दाखिल-खारिज के आवेदन को निरस्त कर दिये, फिर इसे स्वीकृत कर लिये. इसमें चार दर्जन अंचल ऐसे हैं, जहां सैकड़ों ऐसे मामले सामने आए थे. इन सभी सीओ से विभाग ने शोकॉज भी किया था. इनसे प्राप्त जवाब की समीक्षा के बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी।.फीफो यानी फर्स्ट इन, फर्स्ट ऑउट यानी पहले आओ, पहले पाओ का पालन पूरी मुस्तैदी से कराने के लिए विभाग निरंतर अंचलों के कार्यों की निगरानी कर रहा है.




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