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नीतीश को कई मुद्दों पर घेरने वाले बीजेपी एमएलसी सीएम के इन अभियानों के हैं मुरीद, ये रिश्ता क्या कहलाता है!

नीतीश को कई मुद्दों पर घेरने वाले बीजेपी एमएलसी सीएम के इन अभियानों के हैं मुरीद, ये रिश्ता क्या कहलाता है!

NEWS4NATION DESK : बिहार बीजेपी के एमएलसी साहब यदा कदा सीएम नीतीश सहित उनके करीबियों को वैचारिक मुद्दों पर घेरने से नहीं चूकते। तीन तलाक से लेकर एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दों पर तो एमएलसी साहब का बयान जदयू खेमे में घमासान मचा कर रख दिया है। 

लेकिन ऐसा नहीं है कि एमएलसी साहब सिर्फ सीएम नीतीश और उनके करीबियों को घेरते ही रहते है। बिहार बीजेपी के एमएलसी सच्चिदानंद राय  सीएम के कई अभियानों के जबरदस्त मुरीद भी रहे हैं ।

गौरतलब है  कि जिन मुद्दों पर  वैचारिक मतभेद होता है वहां  सच्चिदानंद राय बयान देने से नहीं चूकते। चाहे वह मसला राष्ट्रवाद का हो, तीन तलाक का रहा हो, एनपीआर का रहा हो या फिर एनआरसी का। वहीं दूसरी तरफ  सीएम नीतीश कुमार के  कुछ अभियानों को लेकर  सार्वजनिक तौर पर प्रशंसा करने से नहीं चूकते।

गौरतलब है सच्चिदाननद राय  सीएम नीतीश कुमार के द्वारा राज्य में चलाए गए नारी सशक्तिकरण अभियान के जबरदस्त मुरीद हैं, वहीं दूसरी तरफ  जल जीवन हरियाली के भी जबरदस्त समर्थक हैं। 

सच्चिदानन्द राय बताते हैं कि मेरा नीतीश जी से कोई व्यक्तिगत समस्या नहीं है। मैं कई मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध जदयू के और उसके अध्यक्ष के नाते उनके वैचारिक व्यवहार पर प्रतिक्रिया देता हूं। लेकिन उन्होंने बिहार में महिला सशक्तिकरण के लिए जो कार्य किया है निश्चित रूप से वह सराहनीय है। मैंने तो यहां तक कहा है  कि महिला सशक्तिकरण के लिए यदि कोई एक व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार का हकदार है तो वे नीतीश कुमार जी है। 

इसी प्रकार जल जीवन हरियाली और उसमें खास करके स्कूली बच्चों को जोड़कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना,  जलाशयों का जीर्णोद्धार से लेकर नए जलाशय तैयार कराना और क्रांतिकारी तरीके से वृक्षारोपण का अभियान चलाना एक सराहनीय कार्य है जिसकी प्रशंसा भी करूंगा बढ़ चढ़के हिस्सा भी लूंगा। 

राय ने कहा कि 2011 में जब जदयू ने हरित अभियान की शुरुआत की थी तब भी मैंने अपने ग्राम में एक बहुत बड़ा जलसा किया था। जिसमें वशिष्ठ दादा समेत जदयू के कई बड़े नेता शामिल हुए थे। उस समय 1000 वृक्षों के पौधे बितरित करवाए थे। सराहनीय कार्य की तो सराहना करनी पड़ेगी। ठीक उसी तरह यदि कोई कार्य पसंद ना आए तो बेबाकी से अपनी बात रखना भी एक राजनैतिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि जिम्मेदारियों में से एक है। 

कई मुद्दों पर विरोध तो कई पर जबर्दस्त समर्थन,,तो फिर कहना ही होगा कि यह रिश्ता क्या कहलाता है!

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