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घास नहीं, काजू-बादाम खाती है यह बकरियां! जानें कुर्बानी के लिए लाए इन बकरियों की क्या है खासियत, जिसके लिए कर दिए लाखों रुपए खर्च

घास नहीं, काजू-बादाम खाती है यह बकरियां! जानें कुर्बानी के लिए लाए इन बकरियों की क्या है खासियत, जिसके लिए कर दिए लाखों रुपए खर्च

KATIHAR : कटिहार में बकरीद के मौके पर राजस्थानी बकरे का डिमांड जोरों पर है, दरअसल राजस्थानी बकरा वजन और खूबसूरती में बड़ा ही आकर्षक होता है और बकरीद के मौके पर खूबसूरत बकरे को कुर्बानी देने की परंपरा है, इसी को देखते हुए लोग बड़े चाव से राजस्थान से बकरा मंगावते हैं। कटिहार के रफीक कुरैशी ने अपने घर में राजस्थान से दो बकरा लाया हैं जबकि एक बकरा कटिहार का ही है, जिसे कुर्बानी के लिए तैयार किया जा रहा है। बड़ी बात यह है राजस्थान से लाए गए बकरा घास तो कम ही खाता है, महंगे पत्ता के अलावा इन बकरों को मकई और काजू बदाम भी खिलाया जाता है, अपने रंग रूप और वजन के कारण सुल्तान, मोनू और सोहेल नाम से यह तीनों बकरा फिलहाल कटिहार में चर्चे पर है और लोग दूरदराज से राजस्थानी बकरे को देखने के लिए भी आ रहे हैं।

ढाई लाख किए खर्च

रफीक बताते हैं कि इन बकरियों को खरीदने के लिए उन्होंने ढाई लाख रुपए खर्च किए हैं। इन बकरी की खासियत होती है कि न सिर्फ इनका वजन अधिक होता है. बल्कि यह देखने में भी बेहद खूबसूरत होते हैं. कुर्बानी के दिन खूबसूरत बकरियों की डिमांड अधिक होती है। यही कारण है कि वह इन बकरियों को लेकर आए हैं। 

तीन हिस्सों में बांटने की परंपरा

रफीक ने बताया कि कुर्बानी का नियम है कि इस दिन जिस बकरी को काटा जाता है. उसके मीट को तीन हिस्से में बांटा जाता है। जिसमें एक हिस्सा परिवार के लिए, दूसरे हिस्सा रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा गरीबों के लिए रखा जाता है। वह भी इन नियमों का पालन करेंगे।


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