CHHAPRA : सारण जिले में सोमवार का दिन राजनीतिक रूप से बेहद गहमा-गहमी वाला रहा है। जहां एक तरफ रोहिणी आचार्य ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन कराया हैं। वहीं दूसरी तरफ मशरक लोकसभा सीट से तीन बार विधायक रहे तारकेश्वर सिंह को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तारकेश्वर सिंह पर अपहरण और हत्या का आरोप था, जिसमें 19 अप्रैल को ही कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाने के साथ पूर्व विधायक पर 20 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। तारकेश्वर सिंह पर यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम सह सांसद व विधायक मामले के विशेष कोर्ट के न्यायाधीश सुधीर सिन्हा ने सुनाया।
दरअसल, सुनवाई के दौरान विशेष न्यायालय के अपर लोक अभियोजक ध्रुव देव सिंह ने अभियोजन की ओर से डॉक्टर तथा अनुसंधानकर्ता समेत कुल छह गवाहों की गवाही न्यायालय में कराई गई थीं. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता त्रियोगी नाथ सिन्हा, संजीत कुमार ने न्यायालय में अपना अपना पक्ष रखा. सजा को लेकर न्यायालय परिसर में तारकेश्वर प्रसाद सिंह के समर्थकों की काफी भीड़ लगी हुई थी. जहां तारकेश्वर प्रसाद सिंह के नहीं पहुंचने से समर्थकों में निराशा दिखी.
पूरा मामला 1996 का है, जब पानापुर में एक व्यवसायी की हत्या कर दी गई थी। 10 जनवरी 1996 को पानापुर थाना क्षेत्र के तुर्की निवासी व मृतक के भाई बाबूलाल गुप्ता ने पानापुर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें मशरक के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह समेत अन्य द्वारा अपने भाई का अपहरण कर हत्या कर देने का आरोप लगाते हुए उन्हें मामले में अभियुक्त बनाया था. अपहरण के दो दिन बाद शत्रुघ्न प्रसाद गुप्ता का शव मोतिहारी के डुमरिया पुल के नीचे नदी में मिला था।
जिसमें सुनवाई के दौरान विशेष न्यायालय के अपर लोक अभियोजक ध्रुव देव सिंह ने अभियोजन की ओर से डॉक्टर तथा अनुसंधानकर्ता समेत कुल छह गवाहों की गवाही न्यायालय में कराई गई थीं. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता त्रियोगी नाथ सिन्हा, संजीत कुमार ने न्यायालय में अपना अपना पक्ष रखा.