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नालंदा में नए परिवहन कानून के विरोध में ठप रही ट्रक और बस सेवा, सब्जी, फल और किराना सामान की बाधित हुई आपूर्ति

नालंदा में नए परिवहन कानून के विरोध में ठप रही ट्रक और बस सेवा, सब्जी, फल और किराना सामान की बाधित हुई आपूर्ति

NALANDA : जिले में नए परिवहन कानून के विरोध में मंगलवार को ट्रक-बस सेवाएं ठप रहीं। बिहारशरीफ के रामचंद्रपुर बस स्टैंड में भी बस चालकों के द्वारा परिवहन सेवा को ठप कर दिया गया। इस कारण लोगों का एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना भी बंद हो गया है। इससे प्रतिदिन कमाने खाने वाले लोगों पर खासा असर पड़ रहा है। मंगलवार सुबह से ही बिहारशरीफ के रामचंद्रपुर बस स्टैंड में बस चालकों ने परिवहन सेवा को ठप कर दिया। बस चालकों का कहना है कि नए परिवहन कानून में कई ऐसे प्रावधान हैं, जो चालकों के हित में नहीं है। बस सेवा ठप होने से लोगों को भारी परेशानी हो रही है। 

कहा की प्रतिदिन काम पर जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाजार समिति में भी बंद का असर देखने को मिल रहा है। नए परिवहन कानून के विरोध में नालंदा में सोमवार से ही विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ट्रक चालकों और बस चालकों ने इस कानून को वापस लेने की मांग की है। बाजार समिति में भी बंद का असर देखने को मिल रहा है। मंगलवार को मंडी में सन्नाटा पसरा रहा। सब्जी, फल, दूध, किराने का सामान आदि की आपूर्ति बाधित हो गई है। दो दिनों में कारोबारियों को लगभग चार से पाँच करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है। यहां की सब्जियां कोलकाता, झारखंड समेत अन्य राज्यों में जाती हैं।

वहीँ औरंगाबाद जिला मुख्यालय से लेकर विभिन्न प्रखंडों में भी आज दूसरे दिन जिला ड्राईवर महासंघ औरंगाबाद के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया गया। इसी दौरान रफीगंज के कियाखाप पेट्रोल पंप के समीप, केराप पुल के समीप , महाराजगंज ऑटो स्टैंड ,कासमा शिवगंज बस स्टैंड तथा शहर के कई अन्य प्रमुख स्थानों पर हिट--एंड-रन  कानून के विरोध में ड्राइवरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। ड्राइवर बृजनंदन कुमार,मो मकबुल,अखिलेश यादव सहित विरोध कर रहे अन्य ड्राइवर ने बताया कि नये कानून के तहत 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस कानून को जल्द से जल्द वापस लिया जाए। अन्यथा पुरा देश में हमलोग हड़ताल पर जायेंगे। इधर औरंगाबाद, शिवगंज तथा अन्य ग्रामीण इलाकों के यात्रियों को काफी परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। बाईक यात्री वैकल्पिक रास्ता ढूंढ कर निकल रहे थे। रफीगंज में सुबह 10 बजे से अपराह्न 2 बजे तक जारी है। इस मौके पर सैकड़ो के संख्या में वाहन चालक मौजूद रहे।

उधर गोपालगंज में हिट एंड रन के विरोध में जिले के ट्रक और बस ड्राइवरो ने स्टेरिंग छोड़ो आंदोलन के तहत हड़ताल कर सड़क जाम कर दिया। इस दौरान  ड्राइवरों और ट्रक एसोसिएशन के संयुक्त बैनर तले शहर के बंजारी स्थिति एनएच 27 पर विरोध प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ  जमकर नारेबाजी की और सरकार से कानून वापस लेने की मांग की। दरअसल चालकों का कहना है कि नए कानून में हिट एंड रन के मामले में चालकों को 10 साल की सजा और 7 लाख रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान किया गया है। यह कानून बहुत ही कठोर है और इससे चालकों का उत्पीड़न होगा। चालकों ने कहा कि अगर सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। इस विरोध प्रदर्शन से गोपालगंज में लोगों को काफी परेशानी हुई। मुसाफिरों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी देरी हुई। इस संदर्भ में ट्रक यूनियन के जिलाध्यक्ष लाल बाबू ने बताया की सरकार द्वारा ड्राइवरों पर थोपी गई यह काला कानून है। इसलिए भारत सरकार के खिलाफ आज हम लोगो ने चक्का जाम किया है। ताकि इस कानून को वापस लिया जाए। इसमें ड्राइवरो पर सात लाख का जुर्माना और दस साल की सजा का प्रावधान है जो एक कठोर कानून है। और इस कानून को वापस लेना होगा।

बांका में केंद्र सरकार के कड़े नियमों के खिलाफ आज विभिन्न  जगहों पर ट्रक एवं अन्य वाहन के चालक के द्वारा मुख्य सड़क को जाम कर दिया गया। क्षेत्र के मंझगाय मोड शहर के बस स्टैंड मैढ़िया नाथ कुलहड़िया के समीप चालकों के द्वारा मुख्य पथ को करीब 2 घंटे जाम कर दिया। जिससे छोटी व बड़ी वाहनों की लंबी कतार लग गई। सूचना मिलने पर थाना अध्यक्ष विनोद कुमार मंझगाय मोड पर पुलिस वालों के साथ पहुंचे। जहां चालकों से तीखी नोंक-झोंक हुई। वहीं सूचना मिलने पर बांका एसडीपीओ विपिन बिहारी भी जाम स्थल पर पहुंचे। जहां उग्र चालकों के द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। एसडीपीओ एवं थाना अध्यक्ष के द्वारा काफी समझाने के बाद ट्रक चालकों ने जाम को हटाया। वहीं दूसरी तरफ अमरपुर बस स्टैंड मैढ़िया नाथ कुलहड़िया से भी जाम की सूचना मिलने पर पुलिस वालों ने मौके पर पहुंच कर जाम तुड़वाया। वही मौके पर मौजूद ट्रक चालकों ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कानून में संशोधन नहीं करती। तब तक वे लोग शांतिपूर्ण हड़ताल जारी रखेंगे। बता दे कि केंद्र सरकार के द्वारा लिए गए नए नियमों के तहत 10 साल तक कैद और जुर्मानी की सजा का प्रावधान है जिसके खिलाफ ट्रक चालक सड़क पर उतरे।

नालंदा से राज, गोपालगंज से मनान अहमद, बांका से चन्द्रशेखर कुमार भगत और औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट 

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