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लोकसभा चुनाव में पहली बार नजर आए वरुण गांधी, सुल्तानपुर में मां मेनका गांधी के लिए मांगा वोट, इशारों में भाजपा को बताया "ताकत" का असली मतलब

लोकसभा चुनाव में पहली बार नजर आए वरुण गांधी, सुल्तानपुर में मां मेनका गांधी के लिए मांगा वोट, इशारों में भाजपा को बताया "ताकत" का असली मतलब

PILIBHIT : लोकसभा चुनाव के छठे चरण का चुनाव प्रचार का शोर आज थम गया। इस दौरान पहली बार वरुण गांधी चुनाव प्रचार करते हुए नजर आए। अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत से टिकट कटने के बाद चुनाव से दूर चल रहे वरूण गांधी ने आज सुल्तानपुर में मां मेनका गांधी के लिए प्रचार किया। इस दौरान भाजपा  से नाराजगी को लेकर उन्होंने साफ किसी से कोई दुश्मनी नहीं है और न कोई गुस्सा है। हालांकि इशारों में भाजपा पर तंज जरुर किया।

बताया क्या है ताकत का असली मतलब

वरुण ने मोतिगरपुर के काछाभिटौरा में भाजपा पर तंज कसते हुए कहा- उन्होंने (मेनका गांधी) मुझे सिखाया बड़ा आदमी वो होता है, जिसके साथ कोई अपने को कभी छोटा महसूस न करे। उन्होंने (मेनका) ने बताया ताकत वो होती है जो लोगों को उठाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। उन्होंने कहा हमेशा लोगों की इज्जत करो। लोगों की लड़ाई लड़ो। अगर तुम्हारे पास कोई फोन आए, अगर कोई मिलने आए तो उसे निराश मत करो।

जब पहली बार आया सुल्तानपुर

वरुण ने कहा- जब मैं पहली बार सुल्तानपुर आया था, तो मुझे पिता की खुशबू महसूस हुई थी, लेकिन आज मुझे लग रहा है कि मैं अपनी मां की भूमि में आया हूं। हम लोग जब सुल्तानपुर में चुनाव लड़ने आए, तो लोगों ने कहा था कि जैसी अमेठी-रायबरेली में रौनक है। हम चाहते हैं कि सुल्तानपुर में भी ऐसी रौनक आए।

आज देश में जब सुल्तानपुर का नाम लिया जाता है, तो पहली लाइन में लिया जाता है। सुल्तानपुर का कोई व्यक्ति लखनऊ, दिल्ली या बनारस जाए। उसके साथ हमेशा एक पहचान जुड़ी है। लोग कहते हैं कि अच्छा मेनका गांधी वाले सुल्तानपुर से आए हो।

लोगों को दिया अपना पर्सनल नंबर

वरुण ने कहा-जितने लोग यहां उपस्थित हैं। अगर आप लोगों पर कभी कोई संकट में आता है, तो मैं अपना नंबर दे रहा हूं। नोट कर लीजिए। कभी भी मुझे फोन करिए और अपनी समस्याओं को बताइए। मैं आपकी मदद करूंगा। सुल्तानपुर में काबिलियत, साहस, प्रतिभा और स्वाभिमान की कमी नहीं है।

सुल्तानपुर के लोगों को सिर्फ ऐसा एक व्यक्ति चाहिए, जो उनको अपना परिवार माने। परिवार का मतलब होता है, हर वार पर जो साथ दे। लोग वादा करते हैं कि नाली, सड़क, बिजली सही होगा, यह सब तो होता रहेगा। लेकिन, हम खून के रिश्ते का वादा करते हैं।

बता दें कि भाजपा के टिकट पर वरुण गांधी तीन बार पीलीभीत से सांसद रहे हैं। लेकिन, पिछले कुछ सालों में पार्टी गाइडलाइन के विरुद्ध बयान देने के कारण इस बार उनका टिकट काट दिया गया और कांग्रेस से भाजपा में आए जीतिन प्रसाद को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया गया। जिसके बाद से वरुण न तो पीलीभीत गए और न ही किसी चुनावी कैंपेन का हिस्सा बने।


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