PATNA : बिहार में पिछले दो माह से जिस तरह है उच्च शिक्षा को लेकर खुलासे हुए हैं, उससे हर कोई हैरान है। पहले मगध यूनिवर्सिटी के वीसी की अवैध कमाई में संलिप्तता, पाटलीपुत्र विवि के वीसी पर फर्जी भुगतान के आरोप सहित दूसरे विवि में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। जिनमें इन विवि के बड़े अधिकारियों के नाम भी सामने आए है। अब इन अधिकारियों की कमाई पर विजिलेंस की नजर टेढ़ी हो गई है। बताया जा रहा है कि राज्य के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार के मामले में बड़े एक्शन की तैयारी शुरू हो गई है।
विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से जुड़े लगभग 27 पदाधिकारियों व बड़े लोगों के खिलाफ जांच के लिए शिक्षा विभाग से अनुमति मांगी है। इसमें कई फर्म भी शामिल हैं। इनमें विश्वविद्यालयों से जुड़े 16 और 11 अन्य बड़े लोग हैं। कथित तौर पर इनके खिलाफ विश्वविद्यालयों में बड़े पैमाने पर लूट-खसोट और भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप हैं।
शिक्षा विभाग ने भी की पुष्टि
विजिलेंस द्वारा इन 27 लोगों के खिलाफ जांच के बाबत अनुमति मांगे जाने की पुष्टि शिक्षा विभाग ने भी की है। सूत्रों के अनुसार विजिलेंस ब्यूरो को बिहार के विभिन्न विवि में पहले से तय एजेंसियों, फर्मों और व्यक्तियों के माध्यम से निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बगैर मनमाना काम और भुगतान कर करोड़ों की सरकारी राशि के दुरुपयोग से संबंधित शिकायत मिली है।
जांच की जद में छह विश्वविद्यालय आए
विजिलेंस ने शिक्षा विभाग से इन विश्वविद्यालय के लोकसेवकों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है। उनमें मगध विवि, वीर कुंवर सिंह विवि, पाटलिपुत्र विवि, ललित नारायण मिथिला विवि, पूर्णिया विवि और बी.आर.ए. बिहार विवि शामिल हैं।
एमयू और वीकेएसयू में गड़बड़ी की जांच शुरू
मगध विवि में भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रही एसवीयू ने अब वीर कुंवर सिंह विवि और मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विवि में कथित तौर पर हुए घोटाले की तफ्तीश भी शुरू कर दी है। जल्द ही वीर कुंवर सिंह विवि के कई अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। ऐसी गड़बड़ियां कई अन्य विश्वविद्यालयों में होने की संभावना है।
फंस सकते हैं एमयू के वीसी राजेंद्र प्रसाद
एसवीयू ने कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई नियुक्ति व आउट ऑफ टर्म बनाए गए विभागाध्यक्षों की जानकारी मांगी है। अंग्रेजी व गणित में विभाग में ऐसी बात सामने आ रही है। माना जा रहा है कि अगर जांच सही तरीके से हुई तो एमयू के वीसी राजेंद्र प्रसाद बुरी तरह से फंस सकते हैं। फिलहाल, वह अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर 01 माह के अवकाश पर हैं।