PATNA – आगामी 25 जून को
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वीपी सिंह की जयंती है. इस मौके पर पटना में भी राष्ट्र
सेवा मिशन ने जयंती समारोह का आयोजन किया है. लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान को इस
कार्यक्रम में शामिल होना है लेकिन ख़ास बात यह है की इस आयोजन में मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. ये पहला मौका होगा जब वीपी सिंह के दो पुराने सहयोगी
उनसे जुड़े कार्यक्रम में शामिल होंगे।
वीपी सिंह के बहाने सियासत का क्या है मतलब ?
जदयू के विधान पार्षद रह चुके और फिलहाल लोजपा में शामिल विनोद
सिंह राष्ट्र सेवा मिशन के बैनर तले वीपी सिंह जयंती का आयोजन करते रहे हैं. वीपी
सिंह के बहाने नीतीश कुमार और रामविलास पासवान की नजदीकियां NDA में अंदरूनी
खेमेबंदी का नज़ारा पेश करेंगी. वीपी सिंह की केंद्रीय कैबिनेट में साथ – साथ मंत्री रह
चुके दोनों नेता भाजपा को यह सन्देश भी देना चाहते हैं की उनके रिश्तों का इतिहास
पुराना है.
बिहार की सियासत पर क्या होगा असर ?
इस जयंती समारोह में नीतीश कुमार और रामविलास पासवान के साथ
भाजपा का कोई भी चेहरा मौजूद नहीं होगा. मंच से भाजपा के लिए तो सियासी सन्देश तो
होगा ही साथ ही साथ दोनों नेता अपने समर्थकों को भी करीब लाने की कोशिश करेंगे.
लोजपा के करीब जाकर नीतीश कुमार NDA में उपेन्द्र कुशवाहा को भी अलग – थलग करने की
कोशिश करेंगे. रामविलास पासवान के साथ मंच साझा कर लोकसभा सीट बंटवारे को लेकर
दबाव बढाने का प्रयास करेंगे. कुल मिलकर कहें तो स्व. वीपी सिंह का जयंती समारोह
का बिहार की सियासत में नयी कहानी का प्लाट तैयार कर सकता है.