GOPALGANJ : शहर के वार्ड नंबर 2 में बनी जलमीनार दिखावा साबित हो रही है। बड़े ही जोर-शोर के साथ इसका निर्माण कराया गया था। निर्माण के पांच वर्ष बीतने के बाद भी इस जलमीनार से पानी की आपूर्ति नही हो पा रही है। आलम यह है की शहर के 13 वार्डो के लोग या तो चापाकाल पर निर्भर है या फिर खुद का लगाया गया मोटर के पानी पर। लेकिन जिस उद्देश्य के साथ इसे बनाया गया था। लाखो रुपए खर्च किए गए थे। वह उद्देश्य पूरा नहीं हो सका। अब यहां के लोगो को अभी भी सरकार द्वारा संचालित नल जल योजना के तहत सप्लाई होने वाले जल का इंतजार हैं।
दरअसल सरकार द्वारा सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने को लेकर पांच साल पूर्व यानी वर्ष 2019 में सरेया वार्ड नंबर 2 में एक बड़े जल मीनार का निर्माण कराया गया था। साथ ही विभिन्न जगह पाइप लाइन भी बिछाई गई थी। लेकिन सिर्फ टेस्टिंग के लिए पानी चालू किया गया था, जो दुबारा चालू नही हो सका। इसका असर यह है कि लोगों को जलमीनार का पानी नहीं मिल पा रहा है। करीब एक से लेकर तेरह वार्ड तक के लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए बोतल बंद पानी या फिर चापाकल पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
सार्वजनिक स्थानों पर चापाकलों के अभाव के कारण राहगीर अपनी प्यास बुझाने को भटकते हैं। पेयजल की समस्याओं को देखते हुए नगर परिषद् द्वारा 2019 में पानी टंकी का निर्माण कराया गया था। कुछ समय बाद ही इस पानी टंकी से पेयजल की आपूर्ति बंद कर दी गई। समय के साथ इसकी देखभाल भी बंद हो गई।
बता दें की सरकारी स्तर पर बड़े पैमाने पर हैंड पंप स्थापित किए जाने का दावा किया जाता है। विभाग यह भी दावा कर रहा है कि पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था यहां ठीक है। शहर के किसी भी इलाके में सार्वजनिक स्थान पर लगाए गए सरकारी हैण्ड पंप काम नहीं कर रहे हैं। इस कारण पीने के पानी के लिए लोगों को यहां-वहां भटकने की मजबूरी है।
गोपालगंज से मनान अहमद की रिपोर्ट