NEW DELHI : उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी
की हार से पार्टी के बड़े नेता सकते में हैं। कैराना में संयुक्त विपक्ष की
उम्मीदवार तबस्सुम हुसैन ने जीत दर्ज की है। इस नतीजे को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी
को एक बार फिर बड़ा झटके के तौर पर देखा जा रहा है। जब कैराना के नतीजों पर
गृहमंत्री राजनाथ सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जब एक लंबी
छलांग लगानी पड़ती है तो कुछ कदम पीछे लेने पड़ते हैं। दरअसल, राजनाथ सिंह के इस बयान को
मार्क्सवादी विचारक व्लादिमीर लेनिन के एक वाक्य से भी जोड़ा जा सकता है। लेनिन का
एक मशहूर वक्तव्य है, वन स्टेप फॉरवर्ड, टू स्टेप बैकवर्ड। यानी जब आपको एक कदम आगे बढ़ना
होता है तो पहले दो कदम पीछे हटना पड़ता है।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ कैराना लोकसभा ही नहीं बल्कि नूरपुर विधानसभा में भी झटका लगा है। नूरपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा जमा लिया है, ये सीट पहले बीजेपी के पास थी। 2014 में मोदी लहर के दम पर भारतीय जनता पार्टी ने यहां बड़ी जीत दर्ज की थी। पूर्व सांसद हुकुम सिंह यहां करीब 3 लाख वोटों से जीते थे। लेकिन ऐसा लगता है कि चार साल में हवा पूरी तरह से पलट गई है।
2018 में अब जब यहां उपचुनाव हो रहे हैं तो सयुंक्त विपक्ष की उम्मीदवार तबस्सुम
हसन ने जीत दर्ज की है। बीजेपी ने यहां सहानुभूति के नाम
पर वोट हासिल करने के लिए हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को मैदान में उतारा।
लेकिन उसका ये दांव भी नहीं चल पाया। बीजेपी के सारे फॉर्मूले महागठबंधन के आगे
फेल होते दिख रहे हैं। जबकि 2014 लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां विपक्ष का सफाया कर दिया
था।