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जब खुद हों नियम बनानेवाले, तो डर कैसा : कोरोना गाइडलाइड को भूलकर परिवार संग मंदिर पहुंचे जिलाधिकारी, पट खुुलवाकर किया दर्शन

जब खुद हों नियम बनानेवाले, तो डर कैसा :  कोरोना गाइडलाइड को भूलकर परिवार संग मंदिर पहुंचे जिलाधिकारी, पट खुुलवाकर किया दर्शन

MUNGER : बिहार में अभी मंदिर मस्जिद सहित सभी धार्मिक स्थल बंद है। यहां किसी को पूजा पाठ की अनुमति नहीं है। लेकिन बात अगर किसी जिलाधिकारी की हो यह नियम लागू नहीं होते हैं, कम से कम मुंगेर के डीएम के लिए तो बिल्कुल नहीं। जहां आम लोग मंदिर में भगवान के दर्शन नहीं कर सकते हैं, वहीं मुंगेर में नए नए डीएम बनाए गए नवीन कुमार पूरे परिवार के साथ प्रसिद्ध चंडिका स्थान पहुंच गए। अब जब जिले का सबसे बड़ा अधिकारी सामने मौजूद है, जो पुजारी भी मंदिर का पट खोलने से कैसे इनकार कर सकते थे। मजबूरी में उन्होंने मंदिर खोल दिया। जिसके बाद डीएम ने पूरे परिवार के साथ मंदिर में पूजा की। अब मंदिर दर्शन की तस्वीरें वायरल हो रही हैं और लोग जिलाधिकारी से पूछ रहे हैं कि यह कैसा गाइडलाइन है, जो सिर्फ आम लोगों के लिए है। 

एक ओर जहां VIP श्रद्धालुओं की पूजा मंदिर के गर्भ-गृह में चल रही थी, वहीं दूसरी ओर दर्जनों श्रद्धालु बेबस और लाचारी भरी आंखों से यह नजारा देखते रहे और मंदिर के बाहर पूजा करते रहे। मंदिर के पुजारी ने डीएम ने  पूरे भक्ति-भाव से मंदिर के गर्भ-गृह में चंदन बाबा के द्वारा पूजा-अर्चना करवाई गई। मंदिर जैसे पवित्र स्थान में भी हुआ यह भेद-भाव वाकई हैरान करने वाला है।

5 मई से बंद है मंदिर

चंडिका मंदिर  को कोरोना गाइडलाइन के कारण पिछले पांच मई से बंद रखा गया है। जिसके बाद मंदिर को शनिवार को सिर्फ जिले के जिलाधिकारी और उनके परिवार के दर्शन के लिए खोला गया। इस बीच किसी ने यह कहने की हिम्मत नहीं की कि मंदिर को कोरोना संक्रमण के कारण बंद किया गया है। DM के आते ही सभी मंदिर के पुजारी ने चुप्पी साध ली।

पिछले साल नवंबर में केंद्रीय मंत्री के लिए खुला था गेट

चंडिका स्थान में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान  4 नवंबर 2020 की रात 9 बजे केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने इसी चंडिका मंदिर में ताला खुलवाकर पूजा-अर्चना की थी। इस बाबत जब मंदिर के सचिव प्रभुदयाल सागर से बात की गई तो उन्होंने अपनी लाचारी जाहिर की थी।


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