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जहां मौका लगेगा, मारते रहेंगे; लेबनान और ईरान में भीषण हमलों के बीच इस्राएल की नई धमकी…

जहां मौका लगेगा, मारते रहेंगे; लेबनान और ईरान में भीषण हमलों के बीच इस्राएल की नई धमकी…

गाजा पट्टी पर हमास और इजरायल के बीच चल रहा युद्ध अब दूसरे देशों तक फैल रहा है. इजरायल ने इसी सप्ताह लेबनान के अंदर घुसकर एक ड्रोन अटैक में हमास के डिप्टी चीफ सालेह अल-अरूरी को मार गिराया था. यही नहीं बुधवार को तो ईरान में पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी की कब्र पर दो बम धमाके हो गए. इस धमाके में 103 लोग मारे गए हैं, जबकि करीब 200 लोग जख्मी हुए हैं. माना जा रहा है कि इसमें भी इजरायल का हाथ  था. इस बीच इजरायल के खुफिया प्रमुख का कहना है कि हम जहां भी मौका लगेगा, वहां बदला लेंगे और ले भी रहे हैं.

इजरायल ने बयान जारी कर यह भी कहा है कि हमारा हमला लेबनान पर नहीं था बल्कि हमारे लोगों की हत्या करने वालों पर था. इस हमले में अरूरी के अलावा हमास के 6 और आतंकी मारे गए थे. डेविड बर्निया ने कहा कि हर अरब यह समझ ले कि यदि उसके बच्चे ने 7 अक्टूबर के हमले में भूमिका अदा की थी तो उन्हें उसका सिर गोद में रखकर रोना होगा. बता दें कि करीब तीन महीने से इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है. अब तक इजरायल के हमलों में करीब 20 हजार लोग मारे गए हैं. इसके अलावा गाजा के अहम प्रतिष्ठान भी जमींदोज हो चुके हैं.

 सारा प्रचार इस बात का चल रहा है कि इस्राएल नागरिकों को निशाना बना रहा है. दो प्रश्न हैं- पहला क्या इस्राएल जानबूझकर नागरिकों को निशाना बना रहा है? अथवा हमास ने जानबूझकर नागरिकों को बंदूकों के आगे बांध कर खड़ा कर दिया है? वास्तव में हमास ने नाजी नरसंहार के बाद से यहूदियों पर सबसे भयानक हमला किया है, जिसमें नागरिकों के सिर काटे-जलाए गए और हर तरह का अमानुषिक अत्याचार किया गया है. युद्ध यह हो रहा है कि इस्राएल नागरिकों को नुकसान से दूर रखने के लिए जो कुछ संभव हो, वह सब कर रहा है और दूसरी तरफ हमास है, जो नागरिकों को अधिकतम संभव नुक्सान हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रहा है.युद्ध सभ्यता की शक्तियों और हमास की बर्बरता के बीच है.सारी आधुनिक सुविधाओं के साथ भूमिगत संरचनाएं, हथियार और गोला-बारूद का प्रश्न। सहज प्रश्न यह उठता है कि स्थानीय अधिकारियों ने, फिलिस्तीन की हुकूमत ने इसकी अनुमति कैसे दी?हमास का ही गाजा पर राज चल रहा था.

यहीं नहीं  अल शिफा अस्पताल पर छापे के दौरान एमआरआई स्कैनर के पीछे छिपा कर रखी गई बंदूकें, गोला-बारूद, बॉडी कवच और ग्रेनेड मिले हैं. एमआरआई स्कैनर के पीछे मामूली से धात्विक हथियार मिलने की बात अपने आपमें संदिग्ध और हास्यास्पद हो जाती है. इस्राएली सेना वहां पहुंच जाएगी, वह यह भी जानता था. पेशेवर सैनिक सिर्फ वीडियो पेश कर सकेंगे, वह यह भी जानता था. लिहाजा उसने इस्राएली सेना का मजाक बनवाने का पूरा मायाजाल पहले ही रच दिया था.

"हमास के ऑपरेशन ने मध्य-पूर्व की हक़ीक़त को बदल कर रख दिया है. अब ईरान पर्दे के पीछे से मदद के बजाय भविष्य सीधे तौर पर शामिल हो सकता है. विशेषकर अगर हमास के ख़िलाफ़ इसराइली कार्रवाई से उस संगठन के अस्तित्व को ख़तरा होता है.”



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