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राजनीति का असली रावण कौन : आजादी के पहले प्रकाशित पत्रिका की पोस्टर जारी कर जदयू ने भाजपा को दी चुनौती, कहा - हिम्मत है तो अब नकारो

राजनीति का असली रावण कौन : आजादी के पहले प्रकाशित पत्रिका की पोस्टर जारी कर जदयू ने भाजपा को दी चुनौती, कहा - हिम्मत है तो अब नकारो

PATNA : बिहार में असली रावण कौन को लेकर सियासी जंग छीड़ी हुई है, जहां एक तरफ भाजपा नीतीश कुमार को रावण बता रही है, वहीं दूसरी तरफ जदयू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को। दोनों पार्टियों ने इससे जुड़े पोस्टर और कार्टून भी जारी किए हैं। अब इसमें नया तड़का जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने लगा दिया है। उन्होंने देश की आजादी से पहले का एक पोस्टर ट्विटर पर पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे "अग्रणी" नाम की एक पत्रिका में महात्मा गांधी सहित देश के बड़े स्वतंत्रता सेनानियों को रावण बनाकर पेश किया गया था। इसके साथ ही नीरज कुमार ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा अब हिम्मत है तो इसे नकार कर दिखाएं।

नाथूराम गोडसे थे संपादक

नीरज कुमार ने 1945 में जिस पत्रिका का जिक्र किया है, उसको लेकर उन्होंने बताया कि इसके संपादक नाथूराम गोडसे थे। जिसका वित्त पोषण अंग्रेजों से माफी मांगनेवाले वीर सावरकर थे। 

गांधी जी को बताया रावण

अग्रणी पुस्तक से जारी किए इस पोस्टर में महात्मा गांधी को रावण बताय गया है। वहीं उनके दस सिरों में जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, राज गोपालाचारी के चेहरे नजर आ रहे हैं।

भाजपा को दी चुनौती

नीरज कुमार ने इसके साथ भाजपा को चुनौती भी दी है, उन्होंने लिखा है कि ‘आगाज आपने किया अंजाम तक हम ले जाएंगे फैसला आप करें, हिम्मत है तो नकारो

प्रमाण :-

"अग्रणी" पत्रिका, वर्ष 1945 संपादक- नाथूराम गोडसे

वित्त पोषक- सावरकर (अंग्रेज से माफी मांगने वाला) महात्मा गांधी, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, राज गोपालाचारी, पंडित नेहरू आदि को रावण बताया था।



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