पटना. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसे लेकर भाजपा विधायक दल की बैठक 23 अगस्त को होगी. भाजपा के कई नेता खुद को इस महत्वपूर्ण पद का देवदार बताकर गोलबंदी में ही लगे हुए हैं. कई नामों पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से चर्चा की जा रही है. इन सबके बीच अब भाजपा ने 23 अगस्त को विधायक दल की बैठक बुलाने की घोषणा की है. सूत्रों के अनुसार बिहार भाजपा से केंद्रीय नेतृत्व ने नाम मांगा था. लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बनी है. वहीं केंद्रीय नेतृत्व ने अभी तक इस अहम पद के लिए अपना पत्ता नहीं खोला है.
बिहार भाजपा के जो विधायक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में हैं उसमें कई नाम हैं. माना जा रहा है कि पार्टी किसी ऐसे नेता को यह अहम पद सौपना चाहती है जो तेजतर्रार हो. साथ ही सत्ता पक्ष को सदन को घेर सकता है. इतना ही नहीं जिस नेता को लेकर भाजपा के सदस्य भी बेहतर सामंजस्य बनाकर काम कर सकें ऐसी किसी चेहरे को पार्टी तलाश रही है.
भाजपा सूत्रों का कहना है कि भाजपा विपक्ष के नेता के जरिए सामाजिक समीकरण दुरूस्त करने का भी मन बनाए हुए हैं. भाजपा एक तेजतर्रार नेता की तलाश में है जो न केवल तर्कपूर्ण सवालों से सरकार को घेर सके बल्कि उसकी छवि भी इमानदार और दमदार हो. साथ ही नेता प्रतिपक्ष के रूप में किसी ऐसे चेहरे को फीट किया जाए जो लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 में भी पार्टी के एक सशक्त चेहरे के रूप में खुद को साबित कर सके.
नेता प्रतिपक्ष के लिए जिन नामों पर चर्चा है उसमें उप मुख्यमंत्री रहे तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को इस दौड़ से बाहर माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार ये दोनों इस भूमिका में फिट नहीं बैठ रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को भी इस पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. उनकी सीएम नीतीश के साथ विधानसभा में हुई नोकझोंक भी इसका एक बड़ा कारण है. साथ ही उनकी तर्कपूर्ण टिप्पणियों और लम्बा राजनीतिक अनुभव भी एक कारण हो सकता है. इसके साथ ही नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, अमरेन्द्र प्रताप सिंह और नितिन नवीन भी प्रबल दावेदारों में शामिल हैं. 23 अगस्त को होने वाली बैठक में इस पर मुहर लग जाएगी कि भाजपा अपने किस नेता को सबसे अहम पद की जिम्मेदारी देती है.