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क्या अब भी सुशासन कहेंगे? शराब से 15 मौत का जिम्मेदार 'चौकीदार' को बता दिया, किया गया सस्पेंड.. जहरीली शराब कांड में कटघरे में सरकार

क्या अब भी सुशासन कहेंगे? शराब से 15 मौत का जिम्मेदार 'चौकीदार' को बता दिया, किया गया सस्पेंड.. जहरीली शराब कांड में कटघरे में सरकार

NAWADA : बिहार में शराबबंदी है। पांच सालों से बिहार ड्राई प्रदेश है। मुखिया नीतीश कुमार कहते हैं कि हमने शराबबंदी लागू कर इतिहास रच दिया। हर जगह बड़ी-बड़ी बातें की जाती है।सीएम नीतीश कहते हैं कि शराबबंदी से लोगों का स्वास्थ्य सुधर रहा। शराब पीने वालों की पत्नी अब कहती है कि वे अब अच्छे लगने लगे हैं। लेकिन हकीकत यह नहीं जो सरकार द्वारा बताई जाती है। हकीकत यह है कि बिहार में शराब की नदी बह रही । शराब से लोगों की मौतें हो रही। नवादा इसका उदाहरण है जहां, जहरीली शराब पीने से पंद्रह से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इतनी बड़ी मौत के बाद सुशासन के अधिकारी तो मामले को दबाने में जुटे रहे। जुर्रत देखिए कि मुख्यमंत्री को भी बरगलाते रहे। लेकिन मीडिया ने अपना धर्म निभाया तो सीएम नीतीश ने पटना से जांच टीम भेजी। दो दिनों की जांच के बाद अब एक अदना सा चौकीदार को निलंबित किया गया है। 

15 मौत का जिम्मेदार चौकीदार..है न सुशासन?

पटना से गई विशेष जांच टीम ने 2 दिनों की जांच में दबे स्वर से ही लेकिन स्वीकार किया कि शराब से मौत की संभावना हो सकती है। लेकिन आश्चर्य इस बात की इस बड़े जुर्म में एक चौकीदार को निलंबित किया गया। आप यह जानकर आश्चर्यचकित हो सकते हैं लेकिन यह सच्चाई है। नवादा जिला प्रशासन ने एक चौकीदार को निलंबित किया है।शराब से हुई मौत की जांच के लिए पटना से गई  उच्च स्तरीय जांच टीम ने प्राथमिक जांच में अवैध शराब से मौत की संभावना जताई है। मीडिया से बातचीत में उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने कहा कि जिले में जो मौतें हुई हैं, प्रथम दृष्टया उन मौतों के पीछे अवैध शराब की सम्भावना हो सकती है।  हालांकि इसकी अंतिम पुष्टि बेसरा व केमिस्ट जांच रिपोर्ट आने के बाद होगी। 

चौकीदार को बनाया बलि का बकरा

उन्होंने कहा दोनों का जांच सैंपल भेजा गया है। इसके साथ ही इस सम्बंध में सात अलग अलग प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। अभी बहुत सारे इनपुट मिल रहे हैं। उस दिशा में कार्य चल रहा है। जिला प्रशासन के स्तर पर भी एसआईटी का गठन कर जांच की जा रही है। मामले को लॉजिकल इंड तक पहुंचाया जाएगा। उत्पताद आयुक्त ने कहा हमलोगों ने इंटेलिजेंस के आधार पर जांच की है। लापरवाही को लेकर उन्होंने कहा अभी हम जांच कर रहे हैं, ऐसे में अभी किसी पर आरोप लगाना गलत होगा। उन्होंने कहा जांच पूरी होने तक कुछ भी कहना सही नहीं होगा .नवादा डीएम ने बताया कि इस मामले में बुधौल के चौकीदार को निलंबित किया गया है।  

जिला प्रशासन हुआ गलत साबित

जांच टीम के पहुंचने के बाद अब जिला प्रशासन ने इस बात को मान लिया है कि मरनेवालों की संख्या 15 हो गई है। जबकि इससे पहले डीएम एसपी सिर्फ 10 लोगों की मौत होने की पुष्टि कर रहे थे। वहीं अब इस मामले में News4nation की खबर के बाद जांच अधिकारी ने 15 लोगों पर FIR दर्ज कराया है, वहीं बुधौल के चौकीदार विकास मिश्रा सहित 2 लोगों को निलंबित कर दिया गया है। बहरहाल, पटना से गई जांच टीम ने जिस तरह प्रारंभिक जांच में ही यह स्पष्ट कर दिया है कि मौत का कारण शराब हो सकती है, उसके बाद जिला प्रशासन के दावे पर सवाल खड़े हो गए है। साथ ही अगर मौत शराब से नहीं हुई है, तो सात एफआईआर और एसआईटी का गठन करना कहीं न कहीं यह बात साबित कर रही है कि इस पूरी घटना को किस तरह से सामान्य मौत साबित करने की कोशिश की जा रही थी।

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