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ओवैसी के गढ़ में सेंधमारी लगाने हैदराबाद जा रहे हैं योगी आदित्यनाथ, भाग्यलक्ष्मी मंदिर में दर्शन कर देंगे बड़ा संदेश

ओवैसी के गढ़ में सेंधमारी लगाने हैदराबाद जा रहे हैं योगी आदित्यनाथ, भाग्यलक्ष्मी मंदिर में दर्शन कर देंगे बड़ा संदेश

DESK. असदुद्दीन ओवैसी के गढ़ कहे जाने वाले हैदराबाद में शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन होने से सियासी पारा चढ़ गया है. दरअसल, योगी आदित्यनाथ हैदराबाद में शुरू हुए बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने आ रहे है. लेकिन उनके इस दौरे को बेहद खास बनाने के लिए भाजपा की तेलंगाना इकाई ने बड़ी तैयारी की है. 

योगी आदित्यनाथ हैदराबाद के भाग्यलक्ष्मी मंदिर जाने वाले हैं. यह मंदिर भी उसी तरह विवादों से जुड़ा है जैसे अयोध्या और वाराणसी का ज्ञानवापी रहा है. भाग्यलक्ष्मी मंदिर ठीक चारमीनार के बगल में है. मां लक्ष्मी का यह मंदिर चारमीनार के दक्षिण-पूर्वी मीनार से सटा है. मंदिर का अस्थाई ढांचा बांस-तिरपाल और टिन से निर्मित है, जिसकी पिछली दीवार चारमीनार की ही एक मीनार है. श्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर का मौजूदा ढांचा भी वहां कब से है, इसके बारे में कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है. पिछले कई दशक से यहां पूजा-अर्चना हो रही है. गौरतलब है कि चारमीनार को निर्माण 1591 में शुरू हुआ था. लेकिन, हिंदुओं का दावा है कि चारमीनार से पहले भी वहां भाग्यलक्ष्मी मंदिर मौजूद था. इस तरह का दावा करने वालों में सिकंदराबाद के बीजेपी सांसद और केंद्रीय गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी भी शामिल हैं.

भाजपा हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर भी करना चाहती है. इन्हीं कारणों से इस संवेदनशील मुद्दे को भुनाने के लिए भाजपा यहां योगी आदित्यनाथ को ला रही है. योगी के दौरे को खास बनाने के लिए BJP की तेलंगाना यूनिट ने जोर शोर से प्रचार भी किया है. 

दरअसल, हैदराबाद में ओवैसी की अच्छी पकड़ मानी जाती है. वे यहां से सांसद हैं और कई विधानसभा सीटों पर पार्टी का कब्जा है. राजनीतिक जानकर बताते हैं कि भाजपा की कोशिश है कि हैदराबाद के हिंदू वोट बैंक को गोलबंद किया जाए. इसके लिए भाग्यलक्ष्मी मंदिर बड़ा मुद्दा है. साथ ही योगी की लोकप्रिय छवि को यहां भुनाने के लिए पार्टी उन्हें मंदिर में दर्शन के लिए ला रही है. इसके पहले योगी ने 2020 में हुए हैदराबाद निकाय चुनावों के लिए जबर्दस्त प्रचार किया था. इसके फलस्वरुप फायदा भी हुआ और भाजपा 47 सीटों पर लहराते हुए मेयर की पद पर कब्जा जमाया था. अब विधानसभा चुनाव के पहले एक बार योगी के चेहरे पर वोट बैंक की गोलबंदी की योजना पर पार्टी काम कर सकती है. 


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