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‘परीक्षा पे चर्चा’ : पटना की प्रियंका ने पीएम मोदी से पूछा बेहद खास सवाल – हजारों छात्रों की समस्या का हुआ समाधान

‘परीक्षा पे चर्चा’ : पटना की प्रियंका ने पीएम मोदी से पूछा बेहद खास सवाल – हजारों छात्रों की समस्या का हुआ समाधान

पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ की. उन्होंने देश भर से जुड़े विद्यार्थियों के सवालों का जवाब दिया. बच्चे कैसे आगामी दसवीं की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करें इसे लेकर पीएम मोदी ने टिप्स बताए. इस दौरान बिहार से भी छात्रों को पीएम मोदी से सवाल करने का मौका मिला. पटना की प्रियंका ने नरेंद्र मोदी से बेहद खास सवाल किया जो कई छात्रों की समस्या रहती है. प्रियंका के सवाल का पीएम मोदी ने भी प्रोत्साहित करने वाला जवाब दिया जिससे छात्रों को बेहतर तरीके से परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिलेगी. साथ ही वे कैसे तनाव मुक्त होकर परीक्षा दें इसे लेकर प्रियंका के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया. 

दरअसल, पटना के रविन्द्र बालिका+2 की छात्रा प्रियंका ने पीएम मोदी से पूछा कि मेरे घर में सभी लोग अच्छे नंबर लेकर आए हैं मुझ पर भी वही दबाव है...इस स्ट्रेस को कैसे कम करूं. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि परिवार के लोगों की अपेक्षा स्वाभाविक है. अगर परिवार के लोग सोशल स्टेट्स के कारण कर रहे हैं तो ये गलत है. मां-बाप आपकी क्षमता को जानने के बाद और सोशल स्टेट्स के कारण ये दवाब आता है. हमें दबावों से दबना चाहिए क्या? आप अपने भीतर देखें और अपेक्षाओं को अपने साथ खुद को जोड़िए. जैसे आप एक्टिविटी में फोकस रहते हैं तो आप उस अपेक्षाओं को पूरा करेंगे. जैसे खेल के मैदान में क्रिकेटर ऑडिएंस के दबाव में नहीं खेलता है.

उन्होंने क्रिक्रेट का उदाहरण देकर समझाया कि जैसे क्रिकेट के मैदान में चारों ओर से ऑडियंस चौका- छक्का बोलते रहते हैं, तो क्या खिलाड़ी उनके हिसाब से खेलता है, क्या वो अपनी क्षमता और अपनी समझ से खेलता है, वैसे ही आप लोगों को भी समझना होगा आप अपनी क्षमता के हिसाब से खुद को पहचानिए.

PM ने कहा कि मुझे लाखों की तादाद में सवाल पूछते हैं, व्यक्तिगत समस्याएं बताते हैं, परेशानियां बताते हैं. सौभाग्य है कि देश का युवा मन क्या सोचता है, किन उलझनों से गुजरता है, देश से उसकी अपेक्षाएं क्या हैं, सरकारों से अपेक्षा क्या है, सपने क्या हैं, संकल्प क्या हैं, मेरे लिए ये बहुत बड़ा खजाना है. मैंने मेरे सिस्टम को कहा है कि सारे सवालों को इकट्ठा करके रखिए. 10-15 साल बात सोशल साइंटिस्टों के द्वारा उनका एनालिसिस करेंगे. पीढ़ी और स्थिति बदलने के साथ सपने-संकल्पों-सोच के बदलने का आकलन करेंगे. इतना बड़ा डेटा शायद ही कहीं मिले. परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का यह छठा संस्करण है।


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