लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 का मसौदा अगर लागू हुआ तो बिजली चोरी घपला सहित अन्य मामलों में विद्युत निर्गमन को होने वाले घाटे का कामयाब सीधे आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा उन्हें महंगी बिजली दर चुकानी होगी। यही वजह है कि यूपी विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रस्तावित मल्टी ईयर टैरिफ वितरण रेगुलेशन 2025 का उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन रायशुमारी में विरोध जाता है। टैरिफ प्रस्ताव का उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद लगातार विरोध कर रही है।
यही वजह है कि उपभोक्ता परिषद ने कानूनी लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है उपभोक्ता परिषद ने शनिवार को तेरी प्रस्ताव को लेकर रहसूमारी कराई। परिषद ने कहा कि बिजली चोरी सहित कमर्शियल लाइन लॉस और बिजली कंपनियों की क्षमता का खामियाजा प्रदेश के आम उपभोक्ता नहीं भूलेंगे इसके विरोध में आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। उपभोक्ता प्रदेश के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि नियामक आयोग मल्टी ईयर टैरिफ वितरण रेगुलेशन के आधार पर बिजली की दरें तय करता है।
प्रदेश में मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन का कार्यकाल पूरा हो गया है अभिषेक नए सिरे से तैयार किया जा रहा है आयोग ने मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 का मसौदा जारी करते हुए प्रदेश के उपभोक्ताओं से 13 फरवरी तक आपत्तियां और सुझाव मानी है नए मसौदे में पहले से चल रहे टैरिफ निर्धारण कानून में कई तरह के बदलाव भी हो सकते हैं उपभोक्ता परिषद का आरोप है कि प्रस्तावित ड्राफ्ट पूर्ण तरीके से निजी घराने व बिजली निगमन को लाभ देने वाला है इसलिए हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं इससे आम उपभोक्ताओं को भारी नुकसान हो सकता है।
विद्युत नियामक आयोग ने प्रस्तावित मसौदे में भविष्य में आने वाली निजी कंपनियों के लिए भी एक रूपरेखा तैयार कर दी है आयोग को यह नहीं भूलना चाहिए कि भविष्य की बात कानून में कैसे ला सकते हैं परिषद ने आरोप लगाया है की इससे स्पष्ट है कि निजी घराने अब कारपोरेशन के साथ ही नियामक आयोग को भी गुमराह कर रहे हैं यह विद्युत उपभोक्ताओं के साथ धोखा है।
उत्तर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर अभी तक जो 33,122 करोड रुपए सरप्लस निकला है आने वाले वर्षों में उपभोक्ताओं को उसकी वापसी कैसे दी जाएगी इसका प्रस्तावित कानून में जिक्र तक नहीं किया गया है आयोग ने स्वत: साल 2024-25 की बिजली दर के आदेश में स्पष्ट लिखा है कि बिजली चोरी वह अन्य क्षमता का खामियांजा बिजली उपभोक्ता नहीं भुगतेंगे अब यह राय बदल ली गई है।