Operation Sindoor से पाकिस्तान को हुआ कितना नुकसान, कितने आतंकी मारे और कितने ड्रोन गिराए? सेना ने दिखाए सबूत जारी किया आकड़ा
DGMO Press Conference: ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय रक्षा बल ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि हमने 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर 100 आतंकियों को मार गिराया. इस दौरान इसके सबूत भी दिखाए गए. आइए, जानते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें.
N4N डेस्क: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सेना संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. आर्मी की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, नेवी की वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयरफोर्स की ओर से एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती मौजूद हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत शिवतांडव से हुई।इस दौरान बताया गया कि ऑपरेशन के दौरान हमारा टारगेट सिर्फ आतंकी कैंप थे. सेना ने आतंकियों के 9 ठिकानों पर सटीक हमले करते हुए उन्हें तबाह कर दिया. हमने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया है. हमारा मकसद आतंकियों को खत्म करना था. DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, "अब तक आप सभी उस बर्बर हमले से वाकिफ हैं, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की जान बेरहमी से ले ली गई. जब हम उन दर्दनाक तस्वीरों और पीड़ित परिवारों के आंसुओं को देखते हैं, और साथ ही हाल ही में हमारे जवानों और निहत्थे नागरिकों पर हुए आतंकी हमलों को जोड़ते हैं, तो यह साफ़ हो जाता है कि अब वक्त आ गया था- देश को अपने संकल्प का एक और मजबूत संदेश देने का.
ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंकियों को सफाया
राजीव घई ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर को खास सैन्य मकसद के साथ तैयार किया गया - आतंकियों और उनके साजिशकर्ताओं को सज़ा देने के लिए, और उनके पूरे ढांचे को खत्म करने के लिए." आख़िर में उन्होंने दो टूक कहा, "मैं वो बात दोहराना नहीं चाहता जो बार-बार कही जाती रही है कि भारत अब आतंक को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा. यह हमारा स्पष्ट संदेश है."
ऑपरेशन सिंदूर पर सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, भारत ने 9 आतंकी अड्डों पर जो जवाबी हमले किए, उनमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. इन हमलों में कई 'हाई वैल्यू टारगेट्स' भी मारे गए, जैसे यूसुफ अज़हर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद- जो IC814 के अपहरण और पुलवामा हमले में शामिल थे." राजीव घाई ने बताया, "इसके बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर उल्लंघन किया. उसका जवाब बेहद बौखलाया हुआ था, जिसकी वजह से उन्होंने कई नागरिक इलाकों, रिहायशी गांवों और यहां तक कि गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों को भी निशाना बना दिया, जिससे निर्दोष लोगों की दुखद मौतें हुईं.
DGMO घई ने यह भी कहा कि इन हमलों में भारतीय वायुसेना ने अहम भूमिका निभाई. कुछ आतंकी ठिकानों को सीधे एयरस्ट्राइक से तबाह किया गया, जबकि नौसेना ने सटीक हथियारों और आवश्यक सहायता प्रदान की. वायुसेना के विमान लगातार आसमान में सक्रिय थे." डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, " 9-10 मई की रात को, पाकिस्तान ने सीमाओं के पार हमारे हवाई क्षेत्र में ड्रोन और विमान उड़ाए और कई सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के बड़े पैमाने पर असफल प्रयास किए. पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर उल्लंघन फिर से शुरू हुआ और भयंकर तोपखाने मुठभेड़ों में बदल गया.
एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, "9-10 मई की रात पाकिस्तान ने ड्रोन और विमानों के ज़रिए हमारी वायुसीमा का उल्लंघन किया. उन्होंने हमारे कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिशें कीं. इसके साथ ही पाकिस्तान ने एक बार फिर नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी संघर्षविराम का उल्लंघन किया, जिससे भारी तोपों की गोलाबारी शुरू हो गई." एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, "8 और 9 मई की रात 10:30 बजे से ही हमारे शहरों पर ड्रोन और मानवरहित विमानों (UAVs) से बड़े पैमाने पर हमला शुरू हुआ, जो श्रीनगर से लेकर नालिया तक फैला था, लेकिन हमारी वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह से सतर्क थी, जिसकी वजह से दुश्मन द्वारा तय किए गए किसी भी लक्ष्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचा." ए.के. भारती ने आगे कहा, "हमने संयम और सटीक रणनीति के साथ जवाबी कार्रवाई करते हुए लाहौर और गुजरांवाला में सैन्य ठिकानों और निगरानी रडार साइट्स को निशाना बनाया. दुश्मन की तरफ से ड्रोन हमले सुबह तक जारी रहे, जिनका हमने हर स्तर पर मुकाबला किया." सबसे गंभीर बात की ओर इशारा करते हुए एयर मार्शल भारती ने बताया कि जब पाकिस्तान ड्रोन हमले कर रहा था, उसी वक्त उसने लाहौर से न केवल अपने बल्कि अंतरराष्ट्रीय पैसेंजर विमानों को भी उड़ान भरने की अनुमति दे दी. यह बेहद असंवेदनशील कदम था. इसीलिए हमें बेहद सावधानी और संयम से ऑपरेशन को अंजाम देना पड़ा.
एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि 8 मई को स्थानीय समयानुसार रात 8 बजे से शुरू होकर, कई पाकिस्तानी मानवरहित एरियल सिस्टम, ड्रोन, लड़ाकू वाहनों ने कई IAF ठिकानों पर हमला किया. इनमें जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, अमृतसर, बठिंडा, डलहौजी, जैसलमेर शामिल थे... ये लगभग एक साथ हुए और वे लहरों में आए. हमारी सभी एयर डिफेंस गन और अन्य प्रणालियां उनका इंतज़ार कर रही थीं. इन सभी लहरों को हमारे प्रशिक्षित चालक दल ने अपने पास मौजूद एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करके बेअसर कर दिया और उनमें से कुछ का इस्तेमाल हमारी विरासत प्रणालियों जैसे कि पिकोरा, IAF SAMAR का इस्तेमाल करके किया गया. इन घुसपैठों और पाकिस्तान की ओर से किए गए इन बड़े हमलों से ज़मीन पर कोई नुकसान नहीं हुआ.
एयर मार्शल भारती ने कहा कि यह तय किया गया कि हम दुश्मन पर वहीं वार करेंगे, जहां उसे सबसे ज़्यादा चोट पहुंचे. इसी सोच के तहत, एक तेज़, समन्वित और सुनियोजित हमले में हमने पाकिस्तान के वायुसेना अड्डों, कमांड सेंटर्स, सैन्य ढांचे और एयर डिफेंस सिस्टम्स को निशाना बनाया- वह भी पूरे वेस्टर्न फ्रंट पर. भारती ने बताया कि हमने चकलाला, रफीक और रहीम यार खान जैसे अहम एयरबेस पर हमला किया, जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके बाद हमने सरगोधा, भुलारी और जैकोबाबाद में भी हमले किए. हम इन ठिकानों पर मौजूद हर सिस्टम को सटीकता से निशाना बनाने की क्षमता रखते हैं.
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, "कल दोपहर 3:35 बजे मेरी पाकिस्तानी DGMO से बातचीत हुई, जिसके बाद 10 मई शाम 5 बजे से दोनों देशों के बीच गोलीबारी और हवाई घुसपैठ रोकने पर सहमति बनी. यह प्रस्ताव पाकिस्तान की ओर से आया था. हमने यह भी तय किया कि 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर बात करेंगे ताकि इस समझौते को टिकाऊ बनाया जा सके, लेकिन, जैसा कि अपेक्षित था, पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में इस समझौते का उल्लंघन कर दिया- सीमा पार गोलीबारी और ड्रोन घुसपैठ के ज़रिए. इन सभी उल्लंघनों का हमारी सेना ने ज़ोरदार जवाब दिया." DGMO घई ने कहा कि आज हमने एक और हॉटलाइन संदेश भेजकर 10 मई को हुई DGMO वार्ता की शर्तों के उल्लंघन की जानकारी दी है और यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आज रात या आगे फिर कोई उल्लंघन हुआ, तो उसका जवाब बेहद सख़्ती से दिया जाएगा. सेना प्रमुख ने अपने कमांडरों को पूर्ण अधिकार दे दिए हैं कि वे किसी भी उल्लंघन की स्थिति में तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करें.