Bihar News: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में बड़ा फर्जीवाड़ा, दो डॉक्टरों ने कर दिया बड़ा कांड, दर्ज हुई FIR, जानिए पूरा मामला

Bihar News: सूबे के सबसे बड़े अस्पताल से बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा था। फर्जीवाडे़ के खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है। सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर लिया है....पढ़िए आगे..

Patna AIIMS
सबसे बड़े अस्पताल में फर्जीवाड़ा- फोटो : social media

Bihar News: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल से बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। दो डॉक्टरों ने फर्जीवाड़ा किया है। वहीं सीबीआी ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी है। मामला पटना एम्स से जुड़ा है। जानकारी अनुसार पटना एम्स में फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए दो डॉक्टकों ने नौकरी हासिल की थी। सीबीआई ने इस संबंध में दो डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

पहला मामला

पहले मामले में डॉ. कुमार सिद्धार्थ पर आरोप है कि उन्होंने एसडीओ पटना सदर से जारी फर्जी ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर फिजियोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर की नौकरी हासिल की। उनका चयन पहले एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए हुआ था। जिसे घटाकर असिस्टेंट प्रोफेसर कर दिया गया। आरोप है कि उस समय उनके पिता डॉ. प्रेम कुमार, एम्स पटना में रेडियोलॉजी विभाग के डीन और विभागाध्यक्ष थे।

दूसरा मामला 

दूसरे मामले में डॉ. कुमार हर्षित राज का चयन ट्यूटर/डेमॉन्स्ट्रेटर पद पर सामान्य श्रेणी में हुआ था, लेकिन उन्होंने एसडीओ अदार, पटना द्वारा जारी फर्जी ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी पाने की कोशिश की।

जांच में हुआ खुलासा

बता दें कि, यह फर्जीवाड़ा सत्येंद्र कुमार की शिकायत पर उजागर हुआ। सीबीआई इंस्पेक्टर संजीव कुमार की प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि हुई। जांच में पता चला कि डॉ. सिद्धार्थ ने तीन अलग-अलग फर्जी प्रमाणपत्र  BOBCDM/2023/89504, BOBCSDO/2023/148247 और BOBCCO/2023/364518 का इस्तेमाल किया था।

कैसे हुआ खुलासा

पटना एम्स में फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी के इस मामले का खुलासा दानापुर के वकील सत्येंद्र कुमार की शिकायत के बाद हुआ। शिकायत में आरोप लगाया गया कि दोनों डॉक्टरों ने नौकरी पाने के लिए एसडीओ द्वारा जारी फर्जी ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया था।