Bihar News: मरे हुए लोगों के साथ राहुल गांधी ने पी चाय! वीडियो शेयर कर मचाई सनसनी

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए लिखा—“जीवन में बहुत दिलचस्प अनुभव हुए हैं, लेकिन कभी ‘मृत लोगों’ के साथ चाय पीने का मौका नहीं मिला था। इस अनोखे अनुभव के लिए, धन्यवाद चुनाव आयोग!”

Rahul Gandhi

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी गलियारों में विशेष गहन पुनरीक्षण  को लेकर घमासान मचा हुआ है। यह वही प्रक्रिया है जिसमें मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है, नए वोटर जोड़े जाते हैं और पुराने या मृत लोगों के नाम हटाए जाते हैं। लेकिन बिहार में यह प्रक्रिया अब एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गई है।इस सियासी तूफ़ान के बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को एक नया हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कथित तौर पर मृत लोगों के नाम मतदाता सूची में दिखाए गए। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए लिखा—“जीवन में बहुत दिलचस्प अनुभव हुए हैं, लेकिन कभी ‘मृत लोगों’ के साथ चाय पीने का मौका नहीं मिला था। इस अनोखे अनुभव के लिए, धन्यवाद चुनाव आयोग!”


यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और #मृत_वोटर तथा #चुनाव_में_भूत जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

विपक्षी दलों का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग की मिलीभगत से मतदाता सूची में ‘फर्जी वोटर’ डाले जा रहे हैं और मृत व्यक्तियों के नाम जानबूझकर हटाए नहीं जा रहे। विपक्ष का दावा है कि यह चुनाव से पहले ‘मतदाता हेरफेर’ की साजिश है।

राजद कांग्रेस ने आराप लगाया है कि BJP अपने हारते हुए जनाधार को बचाने के लिए मतदाता सूची में गड़बड़ी करवा रही है। जो लोग सालों पहले गुजर चुके हैं, उनके नाम अब भी वोटर लिस्ट में हैं, ताकि फर्जी मतदान कराया जा सके।वाम दलों की मांग की है कि SIR प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी होनी चाहिए।”

वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि SIR प्रक्रिया चुनाव आयोग की स्वतंत्र जिम्मेदारी है, इसमें किसी राजनीतिक दल का हस्तक्षेप नहीं होता। वे विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं कि वह चुनाव से पहले अनर्गल प्रोपेगेंडा फैला रहा है।

चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी जिलों में SIR के दौरान घर-घर सत्यापन हो रहा है और मतदाता सूची में कोई भी नाम त्रुटिपूर्ण पाया गया तो उसे सुधार या हटाया जाएगा। आयोग ने यह भी कहा कि “मतदाता सूची पूरी तरह पारदर्शी है और सभी राजनीतिक दलों को आपत्ति दर्ज कराने का पूरा अधिकार है।”

बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव पहले से ही जातीय समीकरण, बेरोजगारी, बाढ़ और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों से गरम हैं। अब मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप चुनावी माहौल में और ज्यादा ‘बारूद’ भर देगा। राहुल गांधी का ‘मृत लोगों के साथ चाय’ वाला बयान विपक्ष के लिए एक मज़बूत नारा बन सकता है, जबकि सत्ता पक्ष इसे ‘चुनावी ड्रामा’ बताने की कोशिश करेगा।