Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर' से पाक आतंकवाद की कमर तोड़ी, जवाबी हमले से इस कारण नाकाम हुआ पाकिस्तान, अब हवाएँ ही करने लगीं भारत के रौशन होने का फैसला
Operation Sindoor: सबको लड़ने पड़े अपने-अपने युद्ध,चाहे राजा राम हो या गौतम बुद्ध।...दशकों से सीमा पार आतंकवाद की आग झेल रहे भारत ने आखिरकार निर्णायक कदम उठाया है।
Operation Sindoor: सबको लड़ने पड़े अपने-अपने युद्ध,चाहे राजा राम हो या गौतम बुद्ध।...दशकों से सीमा पार आतंकवाद की आग झेल रहे भारत ने आखिरकार निर्णायक कदम उठाया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों पर अचूक मिसाइल हमलों से कहर बरपाया है। इस साहसिक कार्रवाई में आतंकियों के कई ठिकाने पल भर में मलबे के ढेर में तब्दील हो गए।
भारत के इस कड़े प्रहार के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत के कई शहरों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की। हालांकि, भारत के अभेद्य रक्षा तंत्र ने दुश्मन के हर नापाक इरादे को धूल में मिला दिया। आसमान में ही पाकिस्तानी मिसाइलों को ढेर कर दिया गया, जिससे उनके मंसूबे धरे के धरे रह गए।
पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत ने यह रणनीतिक कदम उठाया। सरकार, सेना, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अन्य महत्वपूर्ण एजेंसियों ने गहन मंथन और सटीक योजना के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस बात का खास ध्यान रखा गया कि पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों के साथ-साथ वहां के नागरिकों को भी कम से कम नुकसान पहुंचे।
पाकिस्तान की जल्दबाजी में की गई जवाबी कार्रवाई भारत की अत्याधुनिक रक्षा तकनीक, खासकर रूस से प्राप्त एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली के सामने पूरी तरह से विफल साबित हुई। भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलटों ने भी अपनी कुशलता का परिचय देते हुए दुश्मन के विमानों को भारतीय सीमा में घुसने से पहले ही खदेड़ दिया।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने लगातार उच्च स्तरीय रणनीतिक चर्चाएं कीं। वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंक समर्थक चेहरे को बेनकाब किया। इस मुश्किल घड़ी में अमेरिका ने तटस्थ रुख अपनाया, जबकि सऊदी अरब और ईरान जैसे महत्वपूर्ण देशों के राजनयिकों ने दिल्ली आकर स्थिति की जानकारी ली। विश्व के अधिकांश देशों ने भारत के इस कदम का समर्थन किया।
'ऑपरेशन सिंदूर' और उसके बाद की जवाबी कार्रवाइयों में भारतीय सेना, सरकार और रक्षा तंत्र के अद्भुत समन्वय ने देश की जनता का विश्वास और मजबूत किया है। पहले आतंकी हमलों के बाद भारत अक्सर कूटनीतिक रास्तों तक ही सीमित रहता था, लेकिन उरी, पुलवामा और अब पहलगाम के बाद सीधी कार्रवाई की इस नई रणनीति ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ने के लिए तैयार है। यह कार्रवाई अमेरिका और इजराइल जैसी 'घर में घुसकर मारने' की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
भारत ने अपनी स्वदेशी रूप से विकसित नई तकनीकों, जैसे 'सुदर्शन चक्र', का प्रभावी ढंग से उपयोग करके पाकिस्तानी हमलों को नाकाम किया और दुनिया को यह स्पष्ट रूप से दिखा दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ चट्टान की तरह मजबूती से खड़ा है और अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है।
हीरेश कुमार की रिपोर्ट