Bihar Weather: बिहार में इस दिन से बढ़ेगी ठंड,पछुआ के चपेट में आया पटना,सावधान..ऊनी कपड़ा निकाल लीजिए...

पटना और बिहार के अन्य क्षेत्रों में ठंड बढ़ने लगी है। जानें कैसे पछुआ हवा और कोहरा स्वास्थ्य और दिनचर्या को प्रभावित कर रहे हैं।

Bihar Weather: बिहार में इस दिन से बढ़ेगी ठंड,पछुआ के चपेट में आया पटना,सावधान..ऊनी कपड़ा निकाल लीजिए...
पछुआ के चपेट में आया पटना- फोटो : freepik

Bihar Weather: बिहार में मौसम ने अब करवट ले ली है। पछुआ हवाओं के चलते ठंड का प्रभाव तेज़ हो रहा है। आइए जानें कैसे बदलता मौसम जन-जीवन को प्रभावित कर रहा है और इस स्थिति में क्या एहतियात बरतनी चाहिए।

पछुआ हवा और ठंड की शुरुआत

पछुआ हवाओं ने बिहार में ठंड बढ़ानी शुरू कर दी है। पटना और अन्य जिलों में न्यूनतम तापमान गिरकर 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने की संभावना है। यह स्थिति पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हो रही है।

तापमान में गिरावट: मौसम विभाग के अनुसार, अगले सप्ताह तक न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री की और गिरावट हो सकती है।

कोहरा: पूर्णिया और आसपास के क्षेत्रों में सुबह और शाम के समय कोहरे की धुंध देखी जा रही है। इसके कारण दृश्यता कम हो गई है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बदलते मौसम का स्वास्थ्य पर प्रभाव

मौसम का बदलाव बच्चों और बुजुर्गों पर अधिक असर डाल रहा है। ठंड के कारण बीमारियों में वृद्धि देखी जा रही है।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ:

बच्चों में: ठंड लगना, सर्दी, और खांसी।

बुजुर्गों में: बदन दर्द, बुखार, डायरिया जैसी समस्याएँ बढ़ी हैं।

कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग: बदलते मौसम में इनकी सेहत पर खास असर पड़ रहा है।

डॉक्टरों की सलाह:

गर्म कपड़े पहनें और खासकर सुबह-शाम ठंडी हवा से बचें।

पौष्टिक आहार लें और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।

क्या करें और क्या न करें?

बदलते मौसम में स्वस्थ और सुरक्षित रहने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:

क्या करें:

गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।

मास्क पहनें, खासकर कोहरे के दौरान बाहर जाते समय।

शरीर को गर्म रखने के लिए लेयरिंग करें।

क्या न करें:

सुबह जल्दी या देर रात बाहर जाने से बचें।

खुले पैर या बिना गर्म कपड़ों के बाहर न निकलें।

ठंडे पेय और ठंडी चीज़ों का सेवन कम करें।

कृषि और परिवहन पर प्रभाव

कोहरे और ठंड ने कृषि और परिवहन को भी प्रभावित किया है:

कृषि: कोहरे के कारण फसलों को नुकसान होने की आशंका है। किसानों को सिंचाई और फसलों की देखभाल पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।

परिवहन: दृश्यता कम होने के

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