बिहार का यह इलाका करेगा रिकॉर्ड उत्पादन,40 लाख टन होगी पैदावार,किसान करेंगे राष्ट्र स्तर पर नाम
सीमांचल में मक्का उत्पादन ने किसानों की स्थिति को बदलने में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, एमएसपी और भंडारण सुविधाओं में सुधार से किसानों को और अधिक लाभ मिल सकता है।
Seemanchal farmers: सीमांचल, जो देश का मक्का कटोरा बन चुका है, इस वर्ष 40 लाख टन मक्का उत्पादन की उम्मीद कर रहा है। बिहार के पूर्णिया, कटिहार, अररिया, और किशनगंज जिलों में किसानों को बंपर मक्का उत्पादन की संभावना है। केवल पूर्णिया जिले में ही इस बार 115 लाख हेक्टेयर भूमि पर लगभग दो लाख किसान मक्का की खेती कर रहे हैं।
उत्पादन में मिट्टी की भूमिका
कृषि विभाग के अनुसार, सीमांचल की मिट्टी की तासीर मक्का उत्पादन के लिए बेहद अनुकूल है। यहां मक्का की उत्पादकता 100-120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस रबी सीजन में पूर्णिया जिले में लगभग 12.65 लाख टन मक्का के उत्पादन का अनुमान है।सीमांचल के चार प्रमुख जिलों में मक्का की खेती का विस्तार हुआ है। 2024 में मक्का उत्पादन 10-20% की वृद्धि के साथ पिछले वर्षों की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है।
लीज पर खेती और मक्का की आर्थिक महत्वता
सीमांचल के 8 लाख से अधिक किसान मक्के को केवल अनाज नहीं, बल्कि पीला सोना मानते हैं। मक्का उत्पादन ने यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है।मक्के की फसल से हुई आय के कारण किसान अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने और परिवार की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हुए हैं।कई किसान अब लीज पर जमीन लेकर भी मक्का की खेती कर रहे हैं। सीमांचल का मक्का देश के विभिन्न राज्यों में भेजा जाता है। पूर्णिया रेलवे जंक्शन से बड़ी मात्रा में मक्के की खेप भेजी जाती है, जिससे रेलवे को हर साल करोड़ों की आय होती है।
एमएसपी और भंडारण की समस्या
बिहार में मक्के के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का अभाव किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है।किसानों को उचित मूल्य न मिलने की वजह से वे औने-पौने दाम पर मक्का बेचने को मजबूर होते हैं।भंडारण की सुविधा की कमी के कारण किसान लंबे समय तक मक्का स्टोर नहीं कर पाते।राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 2024-25 में सीमांचल में 100 एमटी क्षमता वाले तीन गोदाम और 200 एमटी क्षमता वाले एक गोदाम के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।जिला कृषि अधिकारी का मानना है कि यह लक्ष्य पर्याप्त नहीं है।अधिक गोदाम निर्माण के लिए सरकार से अनुरोध किया गया है ताकि किसान अनुदानित दर पर गोदाम बनाकर मक्का का भंडारण कर सकें।
किसानों की स्थिति को बदलने में अहम भूमिका
सीमांचल में मक्का उत्पादन ने किसानों की स्थिति को बदलने में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, एमएसपी और भंडारण सुविधाओं में सुधार से किसानों को और अधिक लाभ मिल सकता है। मक्के की खेती में निवेश और योजनाओं का सही क्रियान्वयन सीमांचल को भारत में मक्का उत्पादन का केंद्र बना सकता है।