Sharda Sinha Last Rites: एक युग का अंत, पटना के गुलाबी घाट पर पंचतत्व में विलीन होंगी शारदा सिन्हा, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर सुबह 9:40 की फ्लाइट से दिल्ली से पटना लाया जाएगा. यहां कुछ समय के लिए उनके आवास पर रखा जाएगा ताकि उनके चाहने वाले उन्हें आखिरी बार नमन कर सकें. इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा गुलाबी घाट के लिए निकाली जाएगी.
Sharda Sinha Last Rites: बिहार की लोकप्रिय गायिका और ‘बिहार कोकिला’ के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा का 5 नवंबर की रात 9 बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया. छठ महापर्व के नहाय खाय की संध्या पर आई इस खबर ने पूरे राज्य को गमगीन कर दिया. शारदा सिन्हा का नाम छठ पूजा के साथ इतना गहराई से जुड़ा था कि उनके बिना यह पर्व अधूरा-सा लगता था. दिल्ली एम्स से दिल्ली एयरपोर्ट के लिए शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर रवाना हो चुका है. सुबह 9:40 की इंडिगो फ्लाइट से शव को ले पटना लाया जा रहा है. पटना में दोपहर 12 बजे के बाद अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर रखा जाएगा. कल यानी गुरुवार को पटना में राजकीय सम्मान के साथ शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार होगा.
शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने बताया कि उनकी मां का अंतिम संस्कार पटना के गुलबी घाट पर होगा, उसी स्थान पर जहां कुछ समय पहले उनके पिता का भी अंतिम संस्कार किया गया था. पटना में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा. शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर सुबह 9:40 की फ्लाइट से दिल्ली से पटना लाया जाएगा. यहां कुछ समय के लिए उनके आवास पर रखा जाएगा ताकि उनके चाहने वाले उन्हें आखिरी बार नमन कर सकें. इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा गुलबी घाट के लिए निकाली जाएगी.
शारदा सिन्हा सिर्फ एक गायिका नहीं थीं, बल्कि बिहार की संस्कृति और आस्था की प्रतीक थीं. उनके गीतों ने न सिर्फ लोगों को भावुक किया बल्कि उन्हें एकजुट भी किया. उनके निधन के साथ, बिहार ने अपनी एक अनमोल धरोहर खो दी है. शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर सुबह पटना पहुंचेगा और गुलबी घाट, जो कि पटना में एक ऐतिहासिक और पवित्र स्थल है, पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. गुलबी घाट सदियों से पटनावासियों के लिए अंतिम संस्कार का स्थल रहा है, और शारदा सिन्हा भी इसी पवित्र भूमि में विलीन होंगी.
बिहार सरकार ने शारदा सिन्हा को राजकीय सम्मान देने का निर्णय लिया है. यह सम्मान उनके योगदान का प्रतीक है और साथ ही बिहार के लोगों की ओर से उन्हें दी गई श्रद्धांजलि भी है. शारदा सिन्हा का निधन निश्चित रूप से एक बड़ा नुकसान है, लेकिन उनकी संगीत की विरासत सदैव हमारे बीच रहेगी. उनके गीतों ने लाखों लोगों को छुआ है और आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे.
रिपोर्ट-धीरज कुमार सिंह