40 kg fish: कटिहार में मछुआरों के जाल में फंसी 40 किलो की विशालकाय मछली, देख कर मछुआरे भी रह गए दंग
कटिहार में कुरसेला कोसी गंगा के कछार वाले भाग में मछुआरों ने 40 किलो 500 ग्राम की मछली पकड़ा है, जो कौतुहल का विषय बनी हुई है।

40 kg fish: कटिहार में 40 किलो की मछली चर्चा का विषय बनी हुई है। मछली खाने के शौकीन की बात तो छोड़ दे शाकाहारी भोजन करने वाले लोग भी इस मछली को देखने के लिए भीड़ लगाए बैठे है। दरसल कुर्सेला थाना क्षेत्र के गंगा कोसी संगम तट बेहतर मछली उत्पादन के लिए जाना जाता है, इसी संगम तट से मछुआरों ने 40 किलो 500 ग्राम वजन वाली इस मछली को पकड़ा है। कुर्सेला बाजार के स्थानीय लोगों के माने तो मछुआरों ने काफी मशक्कत कर इस बड़ी मछली को पकड़ा है, स्थानीय मछुआरा इसे बघार मछली बता रहे हैं, फिलहाल कुर्सेला हाट बाजार में इस मछली की कीमत 350रू प्रति किलो लगाया जा रहा है।
कटिहार में शुक्रवार को कुरसेला कोसी गंगा के कछार वाले भाग में मछुआरे मछली का शिकार कर रहे थे, तभी उन्होंने एक बड़ी मछली का पीछा करते हुए एक व्हेल या सौंस को देखा। इसके बाद मछुआरों का समूह उसके पीछे हो लिया। नदी किनारे जाकर देखा तो 40 किलोग्राम के आसपास की मछली किनारे पर थी।
कुरसेला परिक्षेत्र के गंगा नदी से 40.500 किलोग्राम वजन की एक बड़ी मछली मछुआरों के जरिए पकड़ी गई। इतनी विशालकाय मछली देखकर मछली मंडी में काफी भीड़ उमड़ पड़ी। यह विशालकाय बघार मछली पूरे दिन चर्चा का विषय बनी रही।
मछली आढ़त संचालक संजय सिंह ने बताया कि शुक्रवार को गंगा नदी में मछुए मछली पकड़ रहे थे। इसी दौरान मछुआरों की नजर एक बड़ी मछली पर पड़ी। तब उन्होंने काफी मशक्कत से यह बड़ी मछली पकड़ी। मछुआरों के जरिए मछली का नाम बघार बताया जा रहा है। इतनी बड़ी मछली स्थानीय मछुआरों के हाथ आने से उनमें काफी खुशी देखी गई। यह कुरसेला हाट बाजार में 350 रुपये किलोग्राम की दर से बेची गई।
कुरसेला परिक्षेत्र गंगा एवं कोसी के संगम तट पर स्थित होने के कारण मछली उत्पादन के लिए काफी ज्यादा चर्चित है। मछली पालन की असीम संभावनाएं यहां पर मौजूद हैं। इसी को लेकर पूर्व में भी जिला प्रशासन के जरिए रिवर रेचिंग कार्यक्रम के अंतर्गत मछली के बीज को भी गंगा एवं कोसी नदी में गिराया गया था। इसके बाद से ही यहां मछली काफी संख्या में पाई जाने लगी। बता दें कि बिहार में पिछले कुछ सालों से सरकार के जरिए मछली के कारोबार पर काफी ध्यान दिया जा रहा है।
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह