PM Modi Bihar Visit : सीएम नीतीश के मुरीद हुए पीएम मोदी, मधुबनी के मंच से खूब किया 'सुशासन बाबू' की योजनाओं का गुणगान
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व राज्य में चल रही कई योजनाओं को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधुबनी की सभा में जमकर तारीफ की. इससे आये सामाजिक बदलावों को लेकर उन्होंने कई अहम बातें कहीं

PM Modi Bihar Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मधुबनी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार वो धरती है, जहां से पूज्य बापू ने सत्याग्रह के मंत्र का विस्तार किया था। पूज्य बापू के दृढ़ विश्वास था कि जब तक भारत के गांव मजबूत नहीं होंगे, तब तक भारत का तेज विकास नहीं हो पाएगा। देश में पंचायती राज की परिकल्पना के पीछे यही भावना है। आज पंचायती राज दिवस के मौके पर पूरा देश मिथिला से, बिहार से जुड़ा है। आज यहां देश के, बिहार के विकास से जुड़े हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। बिजली, रेल, इंफ्रास्ट्रक्चर के इन विभिन्न कार्यों से बिहार में रोजगार के नए मौके बनेंगे।
नीतीश के आरक्षण को सराहा
साथ ही पंचायती राज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आरक्षण के किए गए प्रावधानों को लेकर भी पीएम मोदी ने उनकी जमकर तारीफ की. साथ ही जीविका दीदियों को लेकर भी सीएम नीतीश के नेतृत्व में हुए काम की पीएम मोदी ने जमकर सराहना की.
उन्होंने कहा कि आजादी के अनेक दशकों बाद जहां देश को संसद की नई ईमारत मिली, वहीं देश में 30 हजार नए पंचायत भवन भी बनाए गए। पंचायतों को पर्याप्त फंड मिले, ये भी सरकार की प्राथमिकता रही है। बीते 10 साल में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड पंचायतों को मिला है। ये सारा पैसा गांवों के विकास में लगा है। उन्होंने कहा कि बीते दशक में 2 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया। 5.50 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर गांवों में बने हैं। पंचायतों के डिजिटल होने से एक और फायदा हुआ है। अब जीवन/मृत्यु प्रमाण पत्र, भूमि धारण प्रमाण पत्र जैसे कई दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
बहन-बेटियां बिहार में बनी जन-प्रतिनिधि
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अनेक दशकों बाद जहां देश को संसद की नई ईमारत मिली, वहीं देश में 30 हजार नए पंचायत भवन भी बनाए गए। पंचायतों को पर्याप्त फंड मिले, ये भी सरकार की प्राथमिकता रही है। बीते 10 साल में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड पंचायतों को मिला है। ये सारा पैसा गांवों के विकास में लगा है। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि पंचायतों ने कैसे सामाजिक भागीदारी को सशक्त किया है। बिहार, देश का पहला राज्य था जहां महिलाओं को पंचायत में 50% आरक्षण की सुविधा दी गई। आज बहुत बड़ी संख्या में गरीब, दलित, महादलित, पिछड़े और अति पिछड़े समाज की बहन-बेटियां बिहार में जन-प्रतिनिधि बनकर सेवाएं दे रही हैं। यही सच्चा सामाजिक न्याय है, यही सच्ची सामाजिक भागीदारी है।
जीविका दीदी' बदल रही बहनों का जीवन
उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए, रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर बनाने के लिए सरकार मिशन मोड़ में काम कर रही है। बिहार में चल रहे 'जीविका दीदी' कार्यक्रम से अनेक बहनों का जीवन बदला है। आज ही यहां बिहार की बहनों के स्वयं सहायता समूहों को करीब 1,000 करोड़ रुपये की मदद दी गई है। इससे बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण को और बल मिलेगा।
मखाना है मिथिला की संस्कृति
मखाना, आज देश और दुनिया के लिए सुपरफूड है, लेकिन मिथिला की तो ये संस्कृति का हिस्सा है। इसी संस्कृति को ही हम यहां की समृद्धि का भी सूत्र बना रहे हैं। हमने मखाने को GI टैग दिया है यानी मखाना इसी धरती का उत्पाद है, इस पर अब आधिकारिक मुहर लग गई है। मखाना रिसर्च सेंटर को भी नेशनल स्टेटस दिया गया है। बजट में जिस मखाना बोर्ड की घोषणा की गई है, वो बनने से मखाना किसानों का भाग्य बदलेगा।
जन औषधि केंद्र से बिहार को बड़ा लाभ
जन औषधि केंद्र गरीब और मिडिल क्लास के लिए बहुत बड़ी राहत बन चुके हैं, जहां 80% डिस्काउंट पर सस्ती दवाई मिलती हैं। बिहार में 800 से ज्यादा जन औषधि केंद्र बनवाए गए हैं। इससे बिहार के लोगों का 2000 करोड़ रूपया दवाई पर होने वाला खर्च बचा है।