Bihar Land Survey: दाखिल-खारिज में बड़का खेला कर रहे सीओ, अस्वीकृति मामलों में इजाफा, डीएम ने की बड़ी कार्रवाई
Bihar Land Survey: बिहार में एक ओर जहां दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में तेजी लाने की कोशिश हो रही है। वहीं दूसरी ओर बढ़ती अस्वीकृति दर यह संकेत दे रही है कि मामलों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर अब और गहराई से नजर रखने की आवश्यकता है।
Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे का काम तेजी से जारी है। जमीन सर्वे के काम को पूरी पारदर्शिता से करने के लिए सरकार की ओर से लगातार दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं। बावजूद इसके सर्वे के कामों में कड़ी लापरवाही सामने आ रही है। इसी कड़ी में दाखिल-खारिज की अस्वीकृति के मामले में बढ़ते नजर आ रही है। दरअसल, पटना जिले में जमीन के दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) मामलों में तेज निपटारे के दबाव के बीच अस्वीकृत आवेदनों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। पहले जहां अस्वीकृत मामलों की दर 14% थी वह अब बढ़कर 22% तक पहुंच गई है। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष में 20 जून तक दाखिल-खारिज के कुल 15,197 आवेदन प्राप्त हुए। जिनमें से 3,275 आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए।
इन छह अंचलों में सबसे अधिक अस्वीकृति
सबसे अधिक अस्वीकृत आवेदन जिन अंचलों से हुए हैं, उनमें फुलवारी शरीफ, दानापुर, नौबतपुर, पुनपुन, मसौढ़ी और मोकामा शामिल हैं। वहीं, घोसवरी, बेलछी, अथमलगोला, फतुहा और पटना सदर जैसे अंचलों में सबसे कम आवेदन निरस्त किए गए हैं। फुलवारी शरीफ अंचल में सबसे ज्यादा 3,285 आवेदन दाखिल हुए जबकि संपतचक (1,283), मसौढ़ी (944), पुनपुन (884) और मनेर (835) में भी बड़ी संख्या में आवेदन आए। इन इलाकों में भी अस्वीकृति का अनुपात काफी अधिक रहा।
अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी
दाखिल-खारिज के पुराने मामलों के निष्पादन में घोर लापरवाही बरतने पर 21 अंचलाधिकारियों पर जुर्माना लगाने का फैसला जिलाधिकारी स्तर से लिया गया है। जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2024 की शुरुआत में जिले में 60 हजार से अधिक दाखिल-खारिज मामले लंबित थे, जो अब घटकर करीब 15 हजार के आसपास रह गए हैं।
अस्वीकृति के मुख्य कारण
जिन कारणों से दाखिल-खारिज के आवेदन खारिज किए जा रहे हैं, उनमें प्रमुख रूप से आपसी भूमि विवाद, खतियान और रजिस्टर्ड डीड के रकबे में अंतर और न्यायालय में मामला लंबित होना शामिल हैं। पूर्व पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर विशेष अभियान चलाकर मामलों के निष्पादन की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन मौजूदा हालात में देखा जा रहा है कि संख्या तो घट रही है। अस्वीकृतियों की दर लगातार बढ़ रही है जो चिंताजनक संकेत दे रही है।
प्रशासन सख्त रुख में
प्रशासन ने साफ किया है कि लंबित मामलों के शीघ्र और न्यायोचित निष्पादन के लिए अब सभी अंचलों की समीक्षा की जाएगी। यदि अस्वीकृति मनमानी या गलत आधार पर की गई पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।