Bihar Minister Deepak Prakash:बिहार में सियासत का सेफ़्टी लॉक, बेटे को मंत्री बनाने का उपेंद्र कुशवाहा ने बताया ये राज, काबिलियत या सियासी मजबूरी?

Bihar Minister Deepak Prakash: राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने पहली बार खुलकर यह स्वीकार किया है कि अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाने के पीछे सिर्फ काबिलियत नहीं, बल्कि सियासी मजबूरी भी थी।

बिहार में सियासत का सेफ़्टी लॉक- फोटो : social Media

Bihar Minister Deepak Prakash: राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने पहली बार खुलकर यह स्वीकार किया है कि अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाने के पीछे सिर्फ काबिलियत नहीं, बल्कि सियासी मजबूरी भी थी। राजनीति की दुनिया में जिसे अक्सर परिवारवाद कहा जाता है, कुशवाहा ने उसी को अपनी पार्टी बचाने का सबसे कारगर हथियार बता दिया।

 कुशवाहा ने साफ कहा कि साल 2014 में तीन सांसद जीते, दो चले गए। 2015 में दो विधायक थे, वे भी छोड़ गए। इतनी मेहनत से पार्टी खड़ी करें और कोई इधर-उधर चला जाए तो पार्टी फिर वहीं लौट जाती है। इससे बचने का यही उपाय है।

यानी यह राजनीतिक कुंडली साफ है कि कुशवाहा को डर था कि कहीं उनकी पार्टी फिर से टूट न जाए। इसलिए उन्हें अपने ही घर के किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी, जो न बिके, न टूटे, न दगा दे।नीतीश कैबिनेट में आरएलएम कोटे से मंत्री बनाए गए दीपक प्रकाश फिलहाल विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य भी नहीं हैं। 2025 चुनाव में आरएलएम के 4 विधायकों में उनकी पत्नी स्नेहलता भी शामिल हैं, लेकिन उन्होंने बेटा चुना, विधायक नहीं।

कारण साफ है कि एक विधायक को मंत्री बनाते ही वह केंद्रीय चेहरा बन जाता है, और पार्टी छोड़ने पर बड़ा नुकसान कर सकता है। लेकिन बेटा? वह किसी भी हालत में पार्टी नहीं छोड़ेगा यही है पार्टी का ‘सेफ़्टी लॉक’।सूत्रों के मुताबिक, दीपक को अब विधान परिषद का सदस्य बनाया जाएगा। बीजेपी और जेडीयू ने गठबंधन के दौरान एमएलसी की एक सीट का वादा भी किया था, जिसे अब पूरा किया जा सकता है।

भले ही लोग दीपक प्रकाश का चेहरा पहले न पहचानते हों, लेकिन उनके पिता उपेंद्र कुशवाहा “लव-कुश” (कुर्मी–कुशवाहा) समीकरण के सबसे प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। बिहार में इस जोड़ी का वोट बैंक काफी मजबूत है। यही कारण है कि दीपक की एंट्री को लव-कुश पावर का नया प्रदर्शन भी माना जा रहा है।

दीपक कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हैं, एमएनसी में नौकरी कर चुके हैं और फिर राजनीति में उतरे। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदारी मिली है, निभाऊंगा। पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करने का मौक़ा मिला है।दीपक ने कहा कि जिसमें कंफर्टेबल हों, वही पहनना चाहिए।उनकी यह बात सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रही। बिहार की पारंपरिक राजनीति में यह एक नया और बेफिक्र अंदाज माना जा रहा है।कुल मिलाकर, उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बेटे को मंत्री बनाकर एक ही तीर से दो निशाने साधे हैं सियासी घर को टूटने से भी बचाया और लव-कुश समीकरण को भी नई ऊर्जा दे दी।