RJD on Bihar Election Defeat: पोस्टल बैलेट पर राजद का सियासी बवाल, RJD ने कहा- जबरन हराया गया महागठबंधन को, संदेह के घेरे में तीन सीटों पर जीत-हार का गणित

RJD on Bihar Election Defeat: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की ऐतिहासिक जीत और महागठबंधन की करारी शिकस्त के बीच अब लालू–तेजस्वी की आरजेडी ने बड़ा आरोप लगाया है। ...

RJD on Bihar Election Defeat: पोस्टल बैलेट पर राजद का सियासी
पोस्टल बैलेट पर राजद का सियासी बवाल- फोटो : social Media

RJD on Bihar Election Defeat: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की ऐतिहासिक जीत और महागठबंधन की करारी शिकस्त के बीच अब लालू–तेजस्वी की आरजेडी ने बड़ा आरोप लगाया है। तेजस्वी यादव की पार्टी ने दावा किया है कि तीन अहम सीटों पर जबरन बेईमानी कर महागठबंधन के उम्मीदवारों को हराया गया। RJD का कहना है कि इन सीटों पर जितने वोटों से उम्मीदवार हारे, उससे कहीं अधिक पोस्टल बैलेट रिजेक्ट कर दिए गए—और यही चुनावी खेल महागठबंधन की हार का निर्णायक कारण बना।

राजद ने देर रात सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी कर तीन सीटों पर संदिग्ध हार का पूरा हिसाब पेश किया—

नबीनगर (औरंगाबाद)

RJD प्रत्याशी की हार : 112 वोट

रिजेक्ट पोस्टल बैलेट : 132 वोट

अगिआंव (भोजपुर) – CPI (माले) की सीट

हार : 95 वोट

खारिज पोस्टल वोट : 175 वोट

संदेश (भोजपुर)

RJD प्रत्याशी की हार : 27 वोट

रिजेक्ट पोस्टल बैलेट : 360 वोट

पार्टी का दावा है कि तीनों सीटों पर पोस्टल बैलेट के जादुई रिजेक्शन ने “वास्तविक जनादेश” को पलट दिया। RJD का कहना है कि यह कोई सामान्य त्रुटि नहीं, बल्कि सुनियोजित हस्तक्षेप था जिसका असर सीधे चुनावी नतीजों पर पड़ा।

243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर एकतरफ़ा बढ़त बना ली, जबकि पूरा महागठबंधन मात्र 35 सीटों पर सिमट गया।आरजेडी को भी सिर्फ 25 सीटों पर जीत मिली जो 2020 और 2015 दोनों से काफी कम है।मगध और शाहाबाद जैसा महागठबंधन का परंपरागत गढ़ भी इस बार ढह गया। इन इलाकों में एनडीए ने भारी बढ़त हासिल कर पूरी राजनीतिक तस्वीर बदल दी।

ऐसे में RJD का पोस्टल बैलेट वाला आरोप विपक्ष की हार पर उठाए गए पहले बड़े सवाल के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी का तर्क है कि हार का अंतर कम था,खारिज पोस्टल वोट ज्यादा थे और खारिज किए गए वोटों की संख्या ने नतीजे पलट दिए। सियासी हलकों में यह आरोप नई बहस छेड़ रहा है क्या यह हार का नैरेटिव मैनेजमेंट है या वाकई पोस्टल बैलेट प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई?