Budget 2025 : बजट से बिहार के इन 72 विधानसभा सीटों को जीतने बना गेम प्लान,खेल कैसे होगा पढ़िए इनसाइड स्टोरी..

Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में बिहार को तवज्जो दी है। बिहार के लिए बजट में हुए ऐलान से विधानसभा चुनाव में 72 सीटों पर एनडीए आसानी से जीत हासिल कर सकता है, क्या है इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी जानिए...

बजट
NDA plan to win bihar 72 assembly seats- फोटो : news4nation

Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने मोदी 3.0 का पहला और अपना आठवां बजट पेश किया। केंद्रीय बजट में सभी राज्य को कुछ ना कुछ मिला। एयरपोर्ट से लेकर शिक्षा, रोजगार, किसान, महिला सहित तमाम क्षेत्रों में घोषणाएं की गई। वहीं निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में बिहार को खास तवज्जो दी है। इस बजट में मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा से मिथिलांचल और सीमांचल के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। यह पहल न सिर्फ इस क्षेत्र की आर्थिक प्रगति को गति देगी, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों में एनडीए के लिए फायदेमंद भी साबित हो सकती है। बिहार में विधानसभा चुनाव करीब 9 महीने बाद होने हैं, ऐसे में यह बजट स्पष्ट रूप से राज्य के चुनावी गणित को प्रभावित कर सकता है। राजनीति जानकारों की मानें तो बजट से बिहार के वोटरों का झुकाव एनडीए की तरफ होगा। आइए पहले समझते हैं कि केंद्रीय बजट में बिहार को क्या क्या मिला है। 

बिहार को बजट से क्या मिला?

सबसे पहले तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में मधुबनी पेंटिंग से सजी साड़ी पहनकर पहुंचीं, जिसे पद्म पुरस्कार विजेता दुलारी देवी ने उन्हें भेंट किया था। निर्मला सीतारमण की साड़ी की चर्चा अक्सर होती है। बजट पेश करने के दिन जो साड़ी वो पहनती है उसमें बजट से जुड़ा बड़ा संकेत रहता है। निर्मला सीतारमण ने बिहार के मिथिलांचल आर्ट की साड़ी पहनी। पहले वो राष्ट्रपति भवन पहुंची और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को बजट की एक कॉपी सौंपी। जिसके बाद वो संसद पहुंची और बजट पेश की। 

इस बार के बजट में बिहार के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं-

मखाना बोर्ड की स्थापना – मिथिलांचल के किसानों को फायदा

पश्चिमी कोसी नहर परियोजना को वित्तीय सहायता – सिंचाई सुविधाओं में सुधार

ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स का निर्माण – कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा

पटना एयरपोर्ट का विस्तार

पटना  आईआईटी हॉस्टल का विस्तार

किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ी

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की शुरुआत

पांच लाख किसानों को मिलेगा लाभ 

बिहार में मखाना उत्पादन करने वाले दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, सुपौल और मधेपुरा जिलों के करीब पांच लाख किसानों को इस घोषणा से सीधा लाभ मिलेगा। किसानों की लाभ मिलने से इन क्षेत्रों में एनडीए को भी चुनाव में लाभ मिलने की संभावनाएं बढ़ गई है। बजट में केंद्रीय सरकार ने किसानों के हित को लेकर कई घोषणाएं की है। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी बढ़ा दी गई है। 

क्या इससे विधानसभा चुनावों पर असर पड़ेगा?

बता दें कि, मखाना उत्पादन करने वाले अधिकतर इलाके एनडीए के गढ़ माने जाते हैं, जहां बीजेपी और जेडीयू का मजबूत जनाधार है। मखाना बोर्ड की घोषणा से मिथिलांचल और सीमांचल के 243 विधानसभा सीटों में से कम से कम 30% सीटों पर असर पड़ने की संभावना है। मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्र के कुल 72 विधानसभा सीटों में एनडीए को इसका सीधा फायदा मिल सकता है। विधानसभा चुनाव में एनडीए इन सीटों को आसानी से अपने पाले में जा सकती है क्योंकि इन सीटों पर पहले से भी एनडीए का ही कब्जा है। 

इनमें प्रमुख जिले और उनकी विधानसभा सीटें इस प्रकार हैं-

दरभंगा – 10 सीटें

मधुबनी – 10 सीटें

किशनगंज – 11 सीटें

सीतामढ़ी – 8 सीटें

सुपौल – 5 सीटें

अररिया – 6 सीटें

कटिहार – 7 सीटें

मधेपुरा – 4 सीटें

सहरसा – 4 सीटें

पूर्णिया – 7 सीटें

राजनीतिक समीकरण और संभावनाएं

बिहार में मखाना उत्पादन को 2022 में जीआई टैग मिला था, और देश का 80% मखाना यहीं पैदा होता है। मखाना बोर्ड के गठन से किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय मतदाता सरकार की विकास योजनाओं को समर्थन दे सकते हैं। मौजूदा एनडीए सांसदों में मधुबनी से अशोक यादव (बीजेपी), सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर (जद-यू), सुपौल से दिलेश्वर कामत (जद-यू), मधेपुरा से दिनेश चंद्र यादव (जद-यू), दरभंगा से गोपाल जी ठाकुर (भाजपा), अररिया से प्रदीप सिंह (भाजपा) और झंझारपुर से रामप्रीत मंडल (जद-यू) शामिल हैं। वहीं नीतीश कुमार की वापसी के बाद ‘डबल इंजन सरकार’ के तहत बिहार में विकास योजनाओं को और गति देने का प्रयास हो रहा है। ऐसे में मखाना बोर्ड जैसी घोषणाएं आर्थिक सुधार के साथ-साथ चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकती हैं। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए बजट मददगार साबित हो सकता है। 

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