bihar news - 7 बार बने विधायक, बड़ी जिम्मेदारी संभाली, लेकिन खत्म नहीं हुई पटना सिटी की समस्या, नंद किशोर यादव पर बरसे कांग्रेस नेता शशांत शेखर, शुरू किया यह अभियान
bihar news - पटना साहिब सीट विधानसभा सीट पर कांग्रेस की तरफ से अपनी दावेदारी पेश कर रहे शंशात शेखर लगातार लोगों से मिल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने 34 हजार घरों में संपर्क कर लिया है।
Patna भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पटना साहिब विधानसभा सीट के कांग्रेस नेता शशांत शेखर ने 14 जुलाई 2025 को "आपका बेटा, आपके द्वार" अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य विधानसभा के हर घर तक पहुँचकर वहाँ के लोगों की असली और लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को समझना है।
यह अभियान निराशा और संवेदना दोनों से प्रेरित है — निराशा इस बात की कि 7 बार के विधायक नंद किशोर यादव जी, जिन्होंने राज्य सरकार और भाजपा की प्रदेश इकाई में लगभग हर महत्वपूर्ण पद संभाला है, के होते हुए भी हर मोहल्ले और टोले में समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं। शशांत शेखर ने कहा, “अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति होती, तो ये समस्याएँ वर्षों पहले हल हो सकती थीं। लेकिन यहाँ तो नीयत की कमी साफ दिखती है।”
सैमसंग में संभाली बड़ी जिम्मेदारी
सैमसंग में कॉर्पोरेट नेतृत्व, सफल उद्यमिता और कई राज्यों में राजनीतिक अभियानों की रणनीति बनाने के अपने अनुभव से सीखते हुए, शशांत एक संरचित और लगातार प्रयास में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा, “चाहे व्यवसाय हो या राजनीति, संरचना और निरंतरता ही सफलता की कुंजी है। यही तरीका हम पटना साहिब में ला रहे हैं।”
हर घर में दो सवाल
50 से अधिक शुभचिंतकों और स्वयंसेवकों की एक समर्पित टीम रोज़ाना 4–5 घंटे का समय निकालकर शशांत शेखर के साथ घर-घर जाकर दो मुख्य सवाल पूछती है—क्या आपके घर में मतदाता सूची से जुड़ी कोई समस्या है? और आपके मोहल्ले की मुख्य समस्याएँ क्या हैं? सभी जवाब एक वेब एप्लीकेशन में विस्तार से दर्ज किए जाते हैं, ताकि आगे की कार्ययोजना बनाई जा सके।
34 हजार घरों का किया दौरा
अब तक इस अभियान के तहत 34,872 घरों का दौरा किया गया, जिसमें 28,110 हिन्दू और 6,456 मुस्लिम परिवार शामिल हैं। जातिवार वितरण में 5,041 सामान्य, 15,029 ओबीसी, 8,112 ईबीसी और 7,011 एससी परिवार हैं। 5,189 परिवारों ने बताया कि उनके यहाँ एक या अधिक 18+ सदस्य अभी भी पंजीकृत मतदाता नहीं हैं। प्रमुख समस्याओं में पानी की आपूर्ति (11,084), सड़कें और गलियाँ (9,327), राशन (8,041), सफाई (8,232), बिजली (7,118), स्कूलों की कमी (6,072), स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी (5,148) और बेरोज़गारी (9,074) शामिल हैं।
कभी नहीं बता पाए विधायक को अपनी समस्या
18,046 परिवारों ने कहा कि उन्हें अपने विधायक को व्यक्तिगत रूप से समस्या बताने का मौका कभी नहीं मिला। 10,328 परिवारों ने पिछले एक साल में उनसे मदद मांगी, 12,004 परिवारों ने पिछले 30 वर्षों में कम से कम एक बार उनसे मुलाकात की, लेकिन सिर्फ़ 1,547 परिवारों की समस्याएँ मिलने के बाद हल हुईं।
शशांत शेखर वार्ड और मोहल्ला-वार 5 साल की कार्ययोजना बनाएँगे, ताकि पिछले 30 वर्षों में जमा हुई समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जा सके। उन्होंने कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता पटना सिटी को देश के अन्य शहरी क्षेत्रों और मुख्य पटना के बराबर विकास के स्तर पर लाना है।”
उन्होंने पटना साहिब की जनता से अपील करते हुए कहा, “यह सिर्फ़ मेरा अभियान नहीं — यह हमारा आंदोलन है। अगर आपको लगता है कि पटना साहिब बेहतर का हकदार है, तो हमारे साथ खड़े हों। मिलकर हम अपने शहर को वापस उसकी खोई हुई पहचान देंगे, एक-एक समस्या हल करके।”