bihar police - छह महीने में 64 हजार अपराधियों को कोर्ट ने सुनाई सजा, तीन को फांसी, 601 को उम्रकैद, बिहार पुलिस के नाम बड़ी उपलब्धि
Patna - बिहार पुलिस पिछले छह महीने में 64 हजार से अधिक अपराधियों को सजा दिलाई है। जिसमें तीन को फांसी और 601 अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह जानकारी डीजीपी विनय कुमार ने दी है।
उन्होंने बताया कि इस साल पहली छमाही में बिहार पुलिस ने इस साल की पहली छमाही में 46 हज़ार मामलों का निष्पादन किया है, जिनमें 64 हज़ार से ज़्यादा अभियुक्तों को सज़ा सुनाई गई है। इनमें से तीन को मौत की सज़ा सुनाई गई है जबकि 601 को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है।
इसके अलावा 307 अभियुक्तों को दस साल से ज़्यादा, 760 अभियुक्तों को दस साल से कम और 1284 अभियुक्तों को दो साल तक की सज़ा सुनाई गई है। इसके अलावा 61 हज़ार 143 अभियुक्तों को जुर्माना लेकर या मुचलका भरवाकर रिहा किया गया है।
इन जिलों के अपराधियों को फांसी, पटना में सबसे ज्यादा उम्रकैद
जारी रिपोर्ट के अनुसार मौत की सज़ा पाने वाले तीन अपराधियों में से दो मधुबनी और एक कटिहार का है। पटना ज़िले में सबसे ज़्यादा 35 अपराधियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है। इसके बाद छपरा 34, मधेपुरा 33, शेखपुरा 32, बेगूसराय 31 जैसे जिले शामिल हैं।
10 साल से ज़्यादा की सज़ा पाने वालों में सबसे ज़्यादा 20 लोग भोजपुर से हैं। इस साल सबसे ज़्यादा 56,897 अभियुक्तों को शराबबंदी क़ानून के तहत सज़ा सुनाई गई है।
इसके अलावा, हत्या के 611, आर्म्स एक्ट के 231 और बलात्कार के 122 मामलों में सज़ा सुनाई गई है। मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में 284, पॉक्सो एक्ट के 154 और एससी-एसटी एक्ट के 151 अपराधियों को सज़ा सुनाई गई है।
गवाही के लिए ऑनलाइन व्यवस्था
डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि लंबित मामलों के निष्पादन और दोषसिद्धि दर बढ़ाने के लिए पुलिस अधिकारियों से लेकर डॉक्टरों तक की गवाही कराने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसके लिए ऑनलाइन माध्यम भी अपनाया जा रहा है।