Biscomaun : नीतीश सरकार के फैसले के खिलाफ झारखंड सरकार ने खोला मोर्चा, बिस्कोमान को लेकर भिड़ गई हेमंत सोरेन की सरकार
बिस्कोमान को लेकर बिहार और झारखंड सरकार एक दुसरे के खिलाफ उतर गई है. बिहार सरकार पर बिस्कोमान को लेकर नियमों कर विरुद्ध जाकर निदेशक मंडल में सदस्यों को नामित करने का आरोप लगाया है.
Biscomaun : बिहार सरकार के एक फैसले को लेकर झारखंड सरकार ने कड़ा विरोध जताया है. झारखंड सरकार की यह आपत्ति बिस्कोमान के लिए बिहार सरकार द्वारा तीन निदेशकों के नामांकन के खिलाफ है. झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने इसे लेकर बिहार सरकार को अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. साथ ही इस मामले में राजद के पूर्व एमएलसी और बिस्कोमान के पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह की आपत्ति का भी समर्थन किया है.
झारखंड सरकार की ओर से कहा गया है कि बिहार राज्य सहयोग क्रय-विक्रय संघ सीमित (बिस्कोमान) एक बहु-राज्य सहकारी समिति है. ऐसे में बिहार एवं झारखण्ड के निदेशक मंडल में बिहार सरकार द्वारा तीन निदेशकों का एकतरफा नामांकन नियम विरुद्ध है.
झारखंड सरकार ने कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए बिहार सरकार के इस निर्णय को बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 (MSCS Act) और बिस्कोमान की सुसंगत उपविधियों का उल्लंघन बताया है। झारखंड सरकार ने केंद्रीय निबंधक, नई दिल्ली को पत्र लिखकर इस अधिसूचना को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। विभाग ने स्पष्ट किया कि चूंकि बिस्कोमान एक बहु-राज्य सहकारी समिति है, इसलिए निदेशक मंडल में नामांकन का अधिकार केवल केंद्रीय रजिस्ट्रार को है।
सुनील सिंह ने जताई थी आपत्ति
बिस्कोमान के नवनिर्वाचित निदेशक, डॉ. सुनील कुमार सिंह ने भी बिहार सरकार के इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि बिस्कोमान, बिहार-झारखंड के विभाजन के साथ Deemed Multi-State के रूप में निबंधित है। बहु-राज्य सहकारी समिति होने के नाते बिस्कोमान में किसी भी प्रकार का आदेश, निदेश, या अधिसूचना जारी करने का अधिकार केवल केंद्रीय निबंधक, नई दिल्ली को है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने सत्तारूढ़ दल के संख्या बल को बढ़ाने के उद्देश्य से तीन निदेशकों को नामित किया है, जो बिस्कोमान के उपविधि 27 (V & VI) का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है। इस उपविधि के अनुसार, बिहार और झारखंड से केवल एक-एक नामित सदस्य ही बोर्ड में शामिल किया जा सकता है।
चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप की आशंका
इसके साथ ही सुनील सिंह ने चिंता व्यक्त की कि इन अवैध नामांकनों के माध्यम से बिहार सरकार बिस्कोमान के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के आगामी चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने सहकारी चुनाव प्राधिकरण का हवाला देते हुए कहा कि MSCS अधिनियम के तहत नामित सदस्य चुनाव में मतदान करने के पात्र नहीं हैं
कानूनी हस्तक्षेप की मांग
झारखंड सरकार और डॉ. सुनील कुमार सिंह ने केंद्रीय रजिस्ट्रार और सहकारी चुनाव प्राधिकरण से इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप करने और बिहार सरकार की अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने बिहार सरकार से बहु-राज्य सहकारी समितियों के कानूनी ढांचे का सम्मान करने और बिस्कोमान की उपविधियों का पालन सुनिश्चित करने की अपील की है।